

बेंगलुरु : कर्नाटक हाई कोर्ट ने सीबीआई की उस याचिका को गुरुवार को सुनवाई योग्य करार नहीं दिया जिसमें उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (DA) मामले की जांच के लिए दी गई सहमति वापस लेने संबंधी कांग्रेस सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी.
इस सिलसिले में जस्टिस के. सोमशेखर और न्यायमूर्ति उमेश एम अडिगा की खंडपीठ ने राज्य सरकार के 26 दिसंबर, 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज भी कर दिया. इसमें 74.93 करोड़ रुपये के डीए मामले को जांच के लिए लोकायुक्त को भेजने का आदेश दिया गया था.

हाई कोर्ट ने फैसले में कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट को विचार करना चाहिए. साथ ही पीठ ने इस मामले पर अपना फैसला 12 अगस्त को सुरक्षित रख लिया था. हालांकि सीबीआई ने पहले आरोप लगाया था कि शिवकुमार ने 2013 और 2018 के बीच आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की. इस अवधि में वह पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री थे.

वहीं पिछली भाजपा सरकार ने शिवकुमार पर मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को मंजूरी दी थी. इसके बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों के सिलसिले में जांच शुरू की गई थी. इसी क्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली राज्य कैबिनेट ने शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच के लिए सीबीआई को सहमति देने का भाजपा सरकार की मंजूरी वापस लेने का फैसला किया था
कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा अवैध संपत्ति मामले में उनके खिलाफ सीबीआई की याचिका खारिज किए जाने पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, ‘मैं खुश हूं. यह कर्नाटक सरकार और कर्नाटक की जनता की जीत है. सरकार ने सीबीआई को दी गई अनुमति वापस ले ली थी और लोकायुक्त को दे दी थी. कर्नाटक सरकार ने मामला वापस नहीं लिया है. उन्होंने इसे सिर्फ लोकायुक्त को सौंप दिया है…’
There is no ads to display, Please add some





Post Disclaimer
स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com