• Thu. Jan 1st, 2026

धनबाद के सरायढेला का राजा तालाब बना मैदान, बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं हजारों लोग

ByAdmin Office

Apr 28, 2024

 

*धनबाद :* सरायढेला के ओजोन गैलेरिया के पीछे स्थित राजा तालाब का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर पहुंचने के बाद इलाके के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. नगर निगम ने तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया था. तालाब का पानी निकालने के लिए सहयोगी नगर से आठ लेन को जोड़ने वाली मुख्य सड़क को कोड़कर सारा पानी निकाल दिया गया. जोर-शोर से जेसीबी के माध्यम से मिट्टी निकालने का काम शुरू हुआ. इसी बीच वासेपुर के असद हुसैन ने तालाब की जमीन को अपना बताते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की. इसके बाद हाइकोर्ट ने नगर निगम को काम रोकने का आदेश दिया.

*बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही चार गांव की आबादी :*

बता दें कि धनबाद राजा तालाब पर सीधे तौर पर इलाके की बड़ी आबादी निर्भर है. साबलपुर, सुगियाडीह, रंगनीभीठा, बगुला बस्ती के लोग पीने के पानी से लेकर, स्नान, घरों के चूल्हा बर्तन का कार्य तक के लिए इस तालाब के पानी पर निर्भर हैं. अभी हालात इतने खराब हो गये हैं कि बूंद-बूंद पानी के लिए इन चार गांवों की आबादी तरस रही है.

*गड्ढे में जमा पानी इस्तेमाल करने को विवश हैं ग्रामीण :*

राजा तालाब का अस्तित्व पर संकट आने के बाद इलाके के लोग पानी की घोर किल्लत से जूझ रहे हैं. आस-पास के इलाकों में पानी की ऐसी किल्लत है कि लोग तालाब के गड्ढे में जमा पानी का इस्तेमाल अपने रोजमर्रा के कार्य के लिए करने को विवश हैं. इससे बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है.

*छठव्रतियों और श्रद्धालुओं को परेशानी :*

राजा तालाब में बड़ी संख्या में इलाके के आस-पास के लोग छठ समेत अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए जुटते हैं. खासकर महापर्व छठ के दौरान हजारों लोगों की भीड़ तालाब में उमड़ती है. तालाब का अस्तित्व खत्म होने के बाद हजारों व्रतियों और श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है. हाल में बीते चैती छठ में श्रद्धालुओं ने तालाब के गड्ढे में पर्व किया.

*दो किलोमीटर घूम कर जाने की विवशता :*

राजा तालाब के सौंदर्यीकरण कार्य के लिए सहयोगी नगर से आठ लेन सड़क को जोड़ने वाली मुख्य सड़क को कोड़ दिया गया है. ऐसे में इस रास्ते पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है. सहयोगी नगर के लोगों को आठ लेन सड़क जाने के लिए दो किलोमीटर लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है.

*खराब चापाकल से बांध दिया गया है झुका खंभा :*

सौंदर्यीकरण के कार्य के लिए कोड़ी गयी सड़क के कारण बिजली का खंभा क्षतिग्रस्त हो गया है. सड़क के किनारे लगा बिजली का एक पोल एक तरफ झुक गया है. इसे गिरने से बचाने के लिए खराब चापाकल से रस्सी से बांध दिया गया है. ऐसे में हादसा होने की संभावना है.
जून 2023 में निगम ने शुरू किया था सौंदर्यीकरण का कार्य :
जून-2023 में नगर निगम ने दो करोड़ 61 लाख रुपये की लागत से 6.67 एकड़ में फैले राजा तालाब के सौंदर्यीकरण का शिलान्यास किया था. दिसंबर महीने से काम शुरू किया गया. संवेदक ने तालाब का पानी निकालकर अंदर से मिट्टी की कटाई भी शुरू कर दी थी. हाइकोर्ट की रोक के बाद अब नगर निगम की महत्वाकांक्षी योजना लटक गयी.

*पूछ रहे लोग : बिना जांच के क्यों शुरू किया गया सौंदर्यीकरण कार्य*

राजा तालाब की वर्तमान स्थिति को लेकर कई सवाल उठ रहे है. इलाके के लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर बिना जांच व आधी-अधूरी तैयारी के क्यों सौंदर्यीकरण का काम शुरू कर दिया गया. मामला न्यायालय में जाने के बाद नगर निगम ने अबतक क्या कार्रवाई की हैं.
तालाब ही एकमात्र पानी का साधन है. वर्षों से पूरा परिवार तालाब के पानी से अपनी जरूरत पूरी करता है. पानी खरीदकर पीने की हैसियत नहीं है. तालाब के अस्तित्व पर संकट से पानी के लिए तरसना पड़ रहा है.

*बैसाखी देवी, रंगनीभीठा*

पहले राजा तालाब के पानी की काम पूरा करते थे. अब पानी के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता हैं. बर्तन व कपड़े धोने के लिए दूर नहीं जा सकते, इसलिए तालाब के गड्ढ़े में जमा पानी से काम चला रहे हैं.

*मीना देवी, रंगनीभीठा*

झरिया राजा ने तालाब का निर्माण कराया था. सरकारी नक्शे में इसका खाता नंबर 45 व प्लॉट नंबर 414 अंकित है. यह पूरी तरह से सरकारी जमीन है. तालाब का अस्तित्व समाप्त होने से बड़ी आबादी सीधे तौर पर प्रभावित हुई है. खासकर रास्ते को काेड़ने के कारण लोगों का आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है. नगर निगम को चाहिए कि मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करते हुए न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखे. ताकि लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.
भुवनेश्वर यादव उर्फ मुखिया जी
राजा तालाब की जमीन नगर निगम की है. इससे संबंधित दस्तावेज हाई कोर्ट के समक्ष रखा गया है. जल्द ही फैसला निगम के पक्ष में आने की उम्मीद है.
रविराज शर्मा, नगर आयुक्त


There is no ads to display, Please add some
Post Disclaimer

स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *