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प० बंगाल कुल्टी, बराकर, गोरांग मंदिर के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य पर शुक्रवार को कलश यात्रा निकाली गई जिसमें हजारों लोगो ने हिस्सा लिया।

ByAdmin Office

Mar 29, 2024

 

रिपोर्ट सत्येन्द्र यादव

कुल्टी, बेगुनिया बाजार स्थित गोरांग मंदिर के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य पर शुक्रवार को कलश यात्रा और रथ पर सवार साधु संत की शोभायात्रा गाजे बाजे के साथ निकाली गई। डिसरगढ़ घाट से सात किलोमीटर लंबी पैदल कलश यात्रा में पांच हजार महिलाओ ने हिस्सा लिया। जो बराकर के लिए एतिहासिक रही, जिसमें पुरुलिया तथा धनबाद जिला की आदिवासी महिलाओ की मुख्य भूमिक थी और आकर्षक का केंद्र भी थी। को लेकर आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट वेस्ट की बैठक कइ दौर में मुख्य पुजारी साधु हरेकृष्ण बाबा के साथ हो चुकी थी।
कुल्टी वेस्ट के एसीपी जे हुसैन, कुल्टी थाना के इंस्पेक्टर इंचार्ज कृष्णलेंदु दत्ता, बराकर फाड़ी प्रभीरी लक्ष्मीनारायण दे, डिसरगढ़ फाड़ी प्रभारी भीरी पुलिस बल के साथ शहर में गश्त कर रहे थे। कुल्टी वेस्ट ट्राफिक के एसीपी सौरभ चौधरी ने कलश यात्रा के दौरान बराकर हनुमान चढ़ाई, डिसरगढ़ रोड, स्टेशन रोड और बेगुनिया चेकपोस्ट के पास कलश यात्रा नहीं निकलने तक बड़े वाहन पर रोक लगाई और शांतिपूर्ण ढ़ंग से कलश यात्रा निकाली गई। जिसको लेकर शहर वासियो ने प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।
नागा साधु बने आकर्षक का केंद्र > असाम के कामख्या मंदिर के जूना अखाड़े से आये नंग धड़ंग नागा साधु तथा पश्चिम बंगाल से आये लगभग एक सौ नागा साधु विभिन्न मुद्रा में थे। भस्म लगाए साधुओं के देखने के लोगो की भीड़ लगी हुई थी। एतिहासिक भोलेनाथ का सिद्धेश्वर मंदिर परिसर से नागा साधुओं ने हुंकार भरते हुए कहां कि आने वाली शताब्दि हिन्दुओं की होगी। सनातन धर्म पर विश्वास करने वाले लोगों की संख्या विश्व स्तर पर बढ़ रही हैं। कइ इस्लामिक देश में सनातन धर्म को अपनाया जा रहा हैं। स्कूलों में संस्कृत भाषा को अनिवार्य बनाया जाए और गुरुकुल शिक्षा पध्दति को लागू करने से ही गुरु शिष्य का सम्मान बढ़ेगा। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला से आये स्वामी राजनारायण आचार्य रामानुज बेष्णव पंथ आज शाम को सनातन धर्म पर प्रवचन करेंगे। कोलकाता गड़ियामाठ समुदाय के स्वामी सर्वनंद महराज, भारत सेवा श्रम संघ के स्वामी दिव्य ज्ञाना नंद महराज समेत महिला साधु संत का आगमन हुआ।
बराकर शहर के सनातन धर्म से जुड़े तमाम समाजिक संगठन साधु-संत की सेवा में जुड़ गए हैं। निरसा, चिरकुंडा, पंचेत, परबेलीया, कुल्टी, नियामतपुर, डिसरगढ़ के कइ समाजिक संगठन धार्मिक अनुष्ठान को सफल बनाने में सहयोग कर रहे हैं।


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