

माता पार्वती सदैव अपने भक्तों पर एक माँ की भाँति अपनी कृपादृष्टि बनाएं रखती हैं। भक्त भी पूरे भक्ति भाव से माता पार्वती को समर्पित व्रत एवं पूजा-पाठ करते हैं।*
*पुराणों के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती को श्रावण मास अत्यंत प्रिय है। सावन माह में प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत किया जाता है। आपको बता दें, कुछ महिलाएं सावन के अंतिम मंगलवार तक इस व्रत को करती हैं, वहीं कुछ महिलाएं सावन में प्रथम मंगलवार से, पूरे साल हर मंगलवार को इस व्रत का पालन करती हैं। इस व्रत को लगातार 5 वर्षों तक प्रत्येक मंगलवार को किए जाने का भी विधान है। महिलाएं अपनी इच्छा अनुसार, इस व्रत की अवधि का चयन करती हैं और अवधि समाप्त होने पर व्रत का उद्यापन करती हैं।*

*यह व्रत धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई स्त्रियों की आस्था इसमें निहित है। विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, परिवार में सुख-शांति और संतान प्राप्ति की कामना से इस व्रत को करती हैं। मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती होने का आर्शीवाद प्राप्त होता है।*

*वहीं अविवाहित महिलाएं, योग्य वर की प्राप्ति के लिए इस दिन माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करती हैं। शास्त्रों में इस व्रत को कल्याणकारी माना गया है, इसे करने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं।*
*हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष प्रथम मंगला गौरी व्रत 14 जुलाई को रखा जाएगा और अंतिम 12 अगस्त को रखा जाएगा।*
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