

आदित्यपुर : मंदिरों को पूजा-अर्चना और प्रार्थना के लिए बनाए जाते हैं। वे ऐसे स्थान हैं जहाँ लोग ईश्वर के साथ जुड़ सकते हैं और अपनी आध्यात्मिक यात्रा को आगे बढ़ा सकते हैं।आस्था के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता हैं। मगर सरायकेला खरसावां जिले में इन दिनों मंदिर की जगह पर अतिक्रमण कर दुकान बनाने एवं मंदिर को क्षति पहुंचने का मामला बढ़ता ही जा रहा है।
गुरुवार को आदित्यपुर थाना अंतर्गत एफ रोड समीप स्थित श्री हनुमान जी के मंदिर के प्रांगण में स्थित “जय मासा” तोड़ने का मामले को लेकर 50 से भी अधिक मंदिर कमेटी के सदस्य एवं अन्य मंदिर कमेटी के मेंबर थाना पहुंचकर थाना प्रभारी विनोद तिर्की से मुलाकात कर दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की बात कही। मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह 10:30 बजे करीब रमेश हसदा के परिवार के सदस्यों एवं अन्य चार से पांच व्यक्तियों द्वारा मंदिर प्रांगण में बने ‘जय मासा ‘ को बिना मंदिर कमेटी को जानकारी दिए तोड़ दिया गया है। जिससे बस्ती वासी में काफी आक्रोश व्याप्त है। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष शत्रुघ्न कालिंदी ने जानकारी दी कि मंदिर प्रांगण में एक जय मासा व यज्ञ स्थल बनाया गया था लेकिन रमेश हसदा ने जबरन रास्ता के लिए उसे तोड़ दिया है। मंदिर कमेटी ने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी कार्रवाई के नाम पर लीपापोती कर रहे हैं। घटना घटित हुए दो दिन से ऊपर हो चुका है। लिखित आवेदन देने के बावजूद भी दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि जमीन मंदिर कमेटी का है। उन्होंने कहा कि यह सार्वजनिक पूजा स्थल है, मंदिर को क्षति पहुंचाना एवं मंदिर में गंदगी फैलाना कहीं से भी उचित नहीं है। “जय मासा” तोड़ने का फोटो और वीडियो भी बनाया गया है फिर भी कानूनी कार्रवाई करने में विलंब की जा रही है।

वहीं भाजपा नेता सावन गुप्ता ने बताया कि मंदिर को क्षति पहुंचने का मामला लगातार थाने पहुंच रहा है थाना प्रभारी कार्रवाई करने की जगह टालमटोल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो मंदिर कमेटी एवं बस्ती वासी एसपी ऑफिस जाकर दोषियों के ऊपर कार्रवाई करने के लिए लिखित आवेदन देंगे। अगर हमारी मांगों को पूरी नहीं की जाती है तो आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। आए दिन लगातार आदित्यपुर क्षेत्र में मंदिरों को क्षति पहुंचाई जा रही हैं।

इस संदर्भ में स्थानीय निवासी मंगल महतो ने जानकारी दी कि जमीन मेरे दादा और परदादा की थी। जिसे मैंने 2004 में ही मंदिर निर्माण के लिए दान में दे दिया हूँ, जबरन रास्ता के लिए जयमासा तोड़ने से मैं काफी हताश हूं।
स्थानीय निवासी केदारनाथ जायसवाल ने जानकारी दी कि मंदिर से हमारी आस्था जुड़ी है, मंदिर जाकर पूजा अर्चना करते हैं। मंदिर के प्रांगण में बने “जय मासा” तोड़ना उचित नहीं। जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं करती है तो आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
इस संदर्भ में आदित्यपुर थाना प्रभारी विनोद तिर्की ने दी कि जानकारी मंदि रको क्षति पहुंचने का मामला की जांच की जा रही है, दोनों पक्षों को जमीन का पेपर प्रस्तुत करने की बात कही गई है, जिसमें एक पक्ष द्वारा जमीन का पेपर प्रस्तुत भी किया गया है, मामला जमीन से संबंधित है। जिसे अंचल अधिकारी द्वारा जांच की जा रही है।
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