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36 घंटे बाद अंडरग्राउंड माइंस में धरना दे रहे मज़दूर निकाले गए, मजदूर, आरएलसी ने सेल प्रबंधन को लगाई फटकार

ByAdmin Office

Aug 6, 2023

 

*धनबाद :* चासनाला सेल अपर सीम अंडरग्राउंड माइंस के अंदर धरना दे रहे 108 ठेका मजदूरों को 36 घंटे बाद बुधवार की रात बाहर निकाला गया.

अंडरग्राउंड माइंस से बाहर आने के बाद सभी का मेडिकल जांच किया गय. इन सभी में राजू बाउरी की तबीयत ज्यादा खराब थी. जिन्हें तीन बोतल स्लाइन चढ़ाया गया. इसके साथ ही चार मजदूरों की आंख में जलन और लालिमा की शिकायत थी, उनका भी इलाज कराया गया.

सेल प्रबंधन की तरफ से चार सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने मजदूरों की मेडिकल जांच की. जांच और ट्रीटमेंट के बाद सभी मजदूर घर चले गए हैं.

लोगइसके पूर्व बुधवार को जिले के सरायढेला थाना क्षेत्र स्थित आरएलसी में यूनियन के प्रतिनिधि और सेल प्रबंधन पहुंचे थे. यूनियन की शिकायत पर आरएलसी ने प्रबंधन को तलब किया. आरएलसी के द्वारा सेल प्रबंधन को फटकार भी लगायी गई. आरएलसी ने प्रबंधन को कहा कि 13 सूत्री मांगों को लेकर पूर्व में सेल के द्वारा स्वीकृति दी गई थी तो प्रबंधन उन मांगों को पूरा क्यों नहीं कर रही है.आरएलसी के निर्देश मिलने के बाद यूनियन प्रतिनिधियों ने खुशी जताई है.

असिस्टेंट लेबर कमिश्नर ने सेल प्रबंधन को मामले के निपटारे करने का निर्देश दिया है. मजदूरों की मांगों को जल्द पूरा करने के लिए आरएलसी ने तिथि निर्धारित कर दी है. आने वाली 8 अगस्त और 17 अगस्त को यूनियन प्रतिनिधियों के संग प्रबंधन को मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया है. 21 अगस्त को प्रबंधन को रिपोर्ट सौंपने के लिए आरएलसी ने निर्देश जारी किया है. यूनियन के प्रतिनिधियों में जेबीसीसीआई के सदस्य और स्टील फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुजीत भट्टाचार्य, बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के सुंदर लाल महतो योगेंद्र महतो व अन्य प्रतिनिधि आरएलसी पहुंचे थे. वहीं प्रबंधन की ओर से सीजीएम कार्मिक प्रबंधक संजय तिवारी, सीजीएम मोहम्मद अदनान आरएलसी पहुंचे थे.

आरएलसी के असिस्टेंट लेबर कमिश्नर ने मजदूर यूनियनों की बातों को सुनते हुए सेल प्रबंधन को फटकार लगाई और मामले के निपटारे के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि धनबाद के चासनाला सेल अपर सीम अंडरग्राउंड माइंस के अंदर सोमवार नाइट शिफ्ट में ड्यूटी करने के लिए गए 108 ठेका मजदूर धरने पर बैठ गए थे. रविवार की सुबह उन्हें शिफ्ट खत्म करके बाहर निकलना था लेकिन वह बाहर नहीं निकले. मजदूरों के बाहर नहीं निकलने पर सेल प्रबंधन के हाथ पांव फूलने लगे थे.


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