

पुराणों में चंद्र देव को पूजनीय देवताओं में से एक माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,चंद्रमा मन का निर्देशक माना जाता है। चंद्र दर्शन के दिन चंद्र देव की पूजा अर्चना करना अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है, इसलिए हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व है। आज हम इस तिथि के महत्व के बारे में विस्तारपूर्वक बात करेंगे साथ में हम ये भी जानेंगे कि इस दिन क्या करें और क्या न करें।
*चंद्रमा ‘नवग्रहों’ में से एक ग्रह है और पृथ्वी पर जनजीवन को प्रभावित करता है।*

ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति पर चंद्र देव का आशीर्वाद रहता है, उसे सफलता और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। चंद्र दर्शन के दिन चंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए भक्त, सुख-समृद्धि की कामना करते हुए पूजा व व्रत रखते हैं।

*यह पूजा कई मायनों में लाभकारी और कल्याणकारी मानी जाती है।*
चंद्र दर्शन के दिन चंद्रमा की पूजा से मन को शांति मिलती है। साथ ही जीवन में सफलता के अनेक रास्ते खुलते हैं, साथ ही सद्बुद्धि की भी प्राप्ति होती है।
*वहीं जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा नीच या अशुभ स्थिति में मौजूद होता है उन्हें अपने जीवन में तमाम परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।*
इसलिए कहा जाता है कि ऐसी कुंडली वाले लोग यदि चंद्र दर्शन के दिन चंद्र देवता की उपासना के साथ व्रत रखते हैं तो चंद्र से उत्पन्न होने वाले उनके ग्रह दोष शांत हो जाते हैं।
*कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 27 अक्टूबर 2022 को होगी।*
*इस दिन चंद्र दर्शन का समय*
शाम में 05:21 बजे से लेकर 06:41 बजे तक रहेगा।
*चलिए अब इस दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में बात करते हैं-*
इस दिन ब्राह्मणों को कपड़े, चावल और चीनी समेत अन्य चीजों का दान करना फलदायी माना जाता है। साथ ही व्रत रखने वाले उपासक इस बात का ध्यान रखें कि चंद्र देव के दर्शन और उनकी पूजा के बाद ही व्रत का पारण करें। इन उपायों से आपके जीवन में शीतलता और शांति आएगी। इस दिन पूजा का भी विशेष महत्व है, इसलिए चंद्र दर्शन व्रत की पूजा विधि श्री मंदिर ऐप पर देखना न भूलें।
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