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छठ खरना पूजन के साथ शुरू 36 घंटे का महाव्रत, जानें सूर्यास्त पर अर्घ्य देने का मुहूर्त

ByAdmin Office

Oct 30, 2022

धनबाद। गोबिंदपुर चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ हुई 31 अक्टूबर को उदयगामी यानी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन होगा वहीं आज यानी 29 अक्टूबर को छठ महापर्व का दूसरा दिन है छठ पूजा का दूसरा दिन खरना पूजन का दिन माना जाता है खरना पूजन के साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है खरना के दिन गुड़ की खीर, रोटी और केले का प्रसाद चढ़ाया जाता है इस दिन शाम के समय व्रती महिलाएं खीर का प्रसाद खाती हैं मान्यता है कि आज के दिन नमक और अन्य अनाज को हाथ भी नहीं लगाया जाता है ऐसे में आइए जानते हैं खरना पूजा विधि, सूर्यास्त पर अर्घ्य देने का मुहूर्त और इसके नियमों के बारे में!

*खरना का समय और सूर्यास्त पर अर्घ्य देने का मुहूर्त*

खरना के दिन शाम होने पर गुड़ की खीर का प्रसाद बना कर व्रती महिलाएं पूजा करने के बाद अपने दिन भर का उपवास खोलती हैं फिर इस प्रसाद को सभी में बांट दिया जाता है इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद फिर 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है!

साफ-सफाई का रखा जाता है विशेष ध्यान खरना का मतलब होता है शुद्धिकरण यही वजह है कि इस दिन पवित्रता और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है साथ ही इस दिन खरना का प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर ही बनाया जाता है खरना के दिन छठ का प्रसाद ठेकुआ भी आज के दिन ही तैयार किया जाता है खरना पूजा का प्रसाद साफ बर्तन और मिट्टी के चूल्हे पर ही बनाया जाता है घर परिवार के सदस्यों के साथ खरना की पूजा की जाती है सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद ही व्रती प्रसाद ग्रहण करती हैं व्रती के प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्यों में प्रसाद वितरण किया जाता है!


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