

एडवोकेट सुंदरम ने 1951 बिहार सर्विस रूल को कोर्ट के समक्ष रखते हुए अपना पक्ष रखा।
अधिवक्ता विज्ञान शाह ने भी 1951 बिहार सर्विस रूल का हवाला देते हुए मजबूती से प्रार्थीओं का पक्ष रखा।

अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन ने प्रार्थी दिलीप कुमार का मजबूती से पक्ष रखते हुए कोर्ट को यह अवगत कराया कि अगर माननीय उच्च न्यायालय झारखंड के सिंगल बेंच एवं डबल बेंच के जजमेंट को ही मान लिया जाए तो रिवाइज रिजल्ट, फाइनल मेरिट लिस्ट से ना होकर मेंस के मेरिट लिस्ट से बनाया जाना चाहिए, इसके लिए उन्होंने कोर्ट के समक्ष रिटन सबमिशन दिया है जिस पर कोर्ट ने उन्हें कल 28-07-22 को अतिरिक्त समय दिया है।

सीनियर अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने प्रार्थी कीर्ति कुजूर का मजबूती से पक्ष रखते हुए कोर्ट को यह बतलाया कि प्रार्थी की नियुक्ति में जेपीएससी द्वारा कोई अनियमितता नहीं बरती गई है तथा अब जबकि उनकी नियुक्ति, ट्रेनिंग और पोस्टिंग भी हो चुकी है ऐसे में उन्हें नौकरी से हटाया जाना अनुचित होगा।कल सीनियर अधिवक्ता अजीत कुमार सिन्हा भी अपना पक्ष रखेंगे।।
आज बहस पूरी नहीं हो सकी कल फिर 10:30 बजे से माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा समय दिया गया है।
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