• Wed. Oct 1st, 2025

देश/ हैदरपोरा मुठभेड़ मामला : पिछले साल मारा गया था युवक, हाईकोर्ट ने शव सौंपने का दिया आदेश*

ByAdmin Office

May 27, 2022

*देश/ हैदरपोरा मुठभेड़ मामला : पिछले साल मारा गया था युवक, हाईकोर्ट ने शव सौंपने का दिया आदेश*

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने पिछले साल श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में एक मुठभेड़ में मारे गए चार व्यक्तियों में से एक मोहम्मद आमिर माग्रे के शव को निकालने का आदेश राज्य सरकार को दिया है. खबर की पुष्टि करते हुए वकील दीपिका सिंह राजावत ने कहा कि न्यायमूर्ति संजीव कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने शव निकालने का आदेश दिया है. आमिर के पिता मोहम्मद लतीफ माग्रे द्वारा दायर की गई एक याचिका पर आज यह आदेश परित किया गया.

परिवार को अपने बेटे के अंतिम संस्कार की अनुमति मिल गई है. लतीफ ने पिछले साल दिसंबर में वकील दीपिका सिंह के जरिए याचिका दायर की थी. इस पर कोर्ट ने 19 मई को दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह शव दफनाने के लिए रामबन के पैतृक गांव तक ले जाने की उचित व्यवस्था करे.
अदालत ने नौ दिनों के लिए अपना फैसला सुरक्षित रखने के बाद दिए आदेश में शव को निकालने, उसके परिवहन और दफन के संबंध में कोई नियम या शर्तें नहीं लागू की हैं. अदालत ने यह भी कहा है कि यदि शरीर अत्यधिक सड़ा हुआ है और सुपुर्दगी योग्य स्थिति में नहीं है या सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए खतरनाक है, तो आमिर के पिता और उनके करीबी रिश्तेदारों को उनकी परंपरा और धार्मिक मान्यता के अनुसार अंतिम संस्कार करने की कुपवाड़ा जिले के ही वाडर पाइन कब्रिस्तान में अनुमति दी जाएगी.

कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि राज्य सरकार को याचिकाकर्ता को उसके बेटे के शव के अधिकार से वंचित करने के लिए 5 लाख रुपये मुआवजा देना होगा. इसके अलावा उसे पारिवारिक परंपराओं, धार्मिक दायित्वों के मुताबिक मृतक को दफनाने की व्यवस्था करे. बता दें कि याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से केंद्रीय गृह मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और पुलिस महानिदेशक सहित प्रतिवादियों को आमिर के शव को रामबन में उनके आवास के पास दफनाने के लिए सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.

इसी कड़ी में मजिस्‍ट्रेट की जांच को सार्वजनिक करने के लिए लतीफ मागरे ने 7 दिसंबर 2021 को उपराज्यपाल से मुलाकात की थी. याचिकाकर्ता ने कहा कि वह और उनकी पत्नी अपने बेटे की हत्या के बाद से दुखी हैं क्योंकि उन्हें आखिरी बार अपने बेटे का चेहरा देखने का मौका नहीं दिया गया है. अपने बेटे को रामबन जिले में अपने घर के पास दफनाने की इच्छा व्यक्त करते हुए, याचिकाकर्ता ने कहा कि वह अपने मृत बेटे को दफनाने के बाद एक निर्धारित अवधि के भीतर और शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक माहौल में दफनाना चाहता है।


There is no ads to display, Please add some
Post Disclaimer

स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *