

झारखंड विधानसभा में 17/03/2025 को विधायक अरुप चटर्जी द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में सरकार ने स्वीकार किया कि हजारीबाग जिले के दारू प्रखंड में मेढ़कुरी पंचायत के मोक्तमा गाँव में मनरेगा योजनाओं में भारी अनियमितताएँ सामने आई हैं। जाँच में 31 योजनाओं में 34 मास्टर रोल (MR) में भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई है। मनरेगा लोकपाल हजारीबाग द्वारा की गई जाँच के बाद, हजारीबाग उपायुक्त नैंसी सहाय को 6 मई 2024 को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी, स्वाति वर्मा सरकारी राशि के दुरुपयोग में संलिप्त है। जाँच के आधार पर स्वामी वर्मा पर ₹34,000 का जुर्माना लगाया गया, जिसे उन्होंने 13 जनवरी 2025 को जमा कर दिया। साथ ही, उनकी संविदा समाप्त करने की अनुशंसा की गई थी। हालाँकि, जाँच पूरी होने तक उनका सेवा नवीकरण लंबित रखा गया था। 21 जनवरी 2025 को उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में, उन्हें एक महिला होने के नाते नैसर्गिक न्याय सिद्धांत के तहत सख्त चेतावनी देकर भविष्य में गलती न दोहराने की शर्त पर सेवा नवीकरण की अनुमति दी गई। लेकिन, राज्य स्तर पर समीक्षा के बाद सरकार ने उनकी संविदा समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस मामले को लेकर झारखंड सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है और स्पष्ट किया है कि मनरेगा में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार ने संकेत दिया है कि भविष्य में भी भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना की पारदर्शिता और प्रभावशीलता बनी रहे।
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