

भारतीय मूल के एक 46 वर्षीय व्यक्ति को मादक पदार्थों की तस्करी के जुर्म में सिंगापुर में बुधवार को फांसी दे दी गई। तस्कर को फांसी देने के आदेश का उसके परिवारीजनों के साथ ही मानवाधिकार कार्यकर्ता विरोध कर रहे थे। अदालत द्वारा सजा के खिलाफ दाखिल अपील को खारिज किए जाने के एक दिन बाद तंगाराजू सुप्पैया को चांगी जेल में बुधवार सुबह-सुबह फांसी दे दी गई।
तंगराजु सुपैय्या को नशीली दवाओं के सेवन करने और ड्रग तस्करी के आरोप में साल 2014 में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उसे सिंगापुर से एक किलोग्राम गांजे की तस्करी के आरोप में 9 अक्तूबर 2018 को मौत की सजा सुनाई गई थी.

तंगाराजू ने कोर्ट में अपना बचाव करते हुए कहा था वह तस्करी नही करता है

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तंगराजु सुपैय्या की गिरफ्तारी के बाद उसका ड्रग टेस्ट हुआ था. इसमें वह फेल हो गया था. हालांकि, तंगाराजू ने कोर्ट में अपना बचाव करते हुए कहा था कि वह ड्रग तस्करी में शामिल नहीं था.
इसके साथ ही उसने ये भी कहा कि मैंने कभी मादक पदार्थों की तस्करी नहीं की. हालांकि, वो इस बात को कोर्ट में साबित नहीं कर पाया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि तंगाराजू के फोन से साबित हुआ है कि वह ड्रग तस्करी के अपराध में शामिल था.
फांसी के बाद तंगराजू की बहन लीलावती सुप्पैया ने जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि परिवार को मृत्यु प्रमाण पत्र मिला है। यह छह महीने में सिंगापुर की पहली फांसी थी।
मामले में सिंगापुर विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन के ब्लॉग पोस्ट पर अपनी प्रतिकिया दी। ब्रैनसन ने अपने पोस्ट में कहा था कि क्यों तंगराजु सुपैय्या को फांसी नहीं दी जानी चाहिए? सुप्पैया की सजा मानकों पर खरी नहीं उतरी है। ऐसे में सिंगापुर कल एक निर्दोष व्यक्ति को फांसी देने जा रहा है।
*कोर्ट के फैसले पर उठ रहे हैं सवाल*
तंगराजु सुपैय्या को फांसी दिए जाने से पहले कोर्ट के फैसले पर सवाल उठने लगे थे. इस मामले को लेकर ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन ने अपने एक ब्लॉग में सवाल किया है कि क्यों उसे फांसी दी जानी चाहिए ? उन्होंने आगे लिखा है कि सिंगापुर कल एक निर्दोष व्यक्ति को फांसी देने जा रहा है.
ब्रैनसन के इस बयान को सिंगापुर विदेश मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है. उनके बयान पर मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि ब्रैनसन के विचार देश के न्यायाधीशों और आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए अपमान दिखाते हैं.
इसके साथ ही मंत्रालय ने साफ करते हुए कहा कि नशीले पदार्थों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इससे निपटने के लिए हम जीरो टॉलेरेंस का रुख अपनाये हुए हैं.
अलजजीरा ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि तंगाराजू ने अपनी बहन से बातचीत के दौरान बताया कि अधिकारी तंगाराजू का वजन करने के बाद उसे उसकी फांसी दिए जाने वाली जगह पर ले गए थे.
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