

*हेमंत सोरेन मणिपुर में प्रतिनिधि भेज रहे और संथाल परगना में आदिवासियों की पहचान मिटाई जा रही*
राँची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज राज्य सरकार से राज्य की ध्वस्त विधि व्यवस्था पर विधानसभा में चर्चा कराने की मांग की।

मॉनसून सत्र के दौरान मीडिया से बात करते हुए बाबूलाल मरांडी ने मिजोरम की घटना पर सत्ता पक्ष द्वारा चर्चा की मांग पर कहा कि सत्ता पक्ष इस मुद्दे पर केवल राजनीति कर रहा।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कहा है कि केंद्र सरकार मणिपुर पर चर्चा कराने को तैयार है तो फिर झारखंड में इस पर चर्चा की मांग का क्या औचित्य है?
कहा कि आई एन डी ए गठबंधन को राजनीति छोड़ देश के सदन में चर्चा में शामिल होना चाहिए।
श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड में चर्चा ही करानी है तो राज्य की ध्वस्त विधि व्यवस्था पर चर्चा होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य के हालात बद से बदतर होते जा रहे। हत्या लूट बलात्कार की घटनाएं आम हो गई है। राजधानी में भी अपराधियों का साम्राज्य है। अपराधी सरेआम हत्या करने में सफल हो रहे।
कहा कि जेल से अपराधी खुलेआम धमकी दे रहे,रंगदारी वसूल रहे,मौज मस्ती कर रहे और भ्रष्ट अधिकारी उनकी सेवा सुश्रुषा में लगे हैं। उनका हाल चाल पूछ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यही भ्रष्ट अधिकारी दिन रात पैसे की वसूली में लगे है। और ऊपर तक पहुंचाते भी हैं।
श्री मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन को अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए। उन्हे मणिपुर में अपना प्रतिनिधि भेजने की चिंता है लेकिन आज पूरा संथाल परगना में आदिवासियों की दुर्गति हो रही। आदिवासी समाज की पहचान,संस्कृति मिटाने की कोशिश बड़े पैमाने पर चल रही पर मुख्यमंत्री मौन हैं। इससे स्पष्ट है कि ऐसे अराजक तत्वों को मुख्यमंत्री की खुली सहमति है।
उन्होंने कहा कि आई एन डी आई ए गठबंधन दलों को सशस्त्र बल ( विशेष शक्ति ) अधिनियम को पूर्वोत्तर में लगाने की याद करनी चाहिए। वहां के हालात कोई आज ऐसे नही हुए।
कहा कि कोई भी सभ्य समाज मणिपुर की घटना को सही नही मान सकता। लेकिन इसपर राजनीति से बाज आना चाहिए।
There is no ads to display, Please add some





Post Disclaimer
स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com