

*भागलपुर :* सावन का पावन महीना चल रहा है और ऐसे में भगवान भोले को रिझाने के लिए भक्त तरह-तरह के भेष बनाकर देवघर को रवाना हो रहे हैं. ऐसा कहा जाता है कि सावन में भगवान भोले को जल अर्पण करने से सारी सुख समृद्धि मिल जाती है. अगर ज्योतिषाचार्य सौरभ मिश्रा की माने तो उनका कहना है कि भगवान भोले ने जो विषपान किया था सावन के महीने में उन पर जल अर्पण करने से भगवान भोले के ऊपर से विष की शक्ति भी खत्म होती है. भगवान भोले का मस्तिष्क ठंडा रहता है, लेकिन भक्तों का मानना है कि भगवान भोले को सावन के माह में जलार्पण करने से भगवान भोले अति प्रसन्न होते हैं. सावन का महीना काफी पावन महीना माना जाता है.
वेष बनाकर चल रहे कांवरिया

सावन में अलग अलग रूप में कावंरिया सुल्तानगंज में देखने को मिल जाएंगे. कोई स्वयं शिव का वेश धारण किए, तो कोई अपने गाड़ी को बसहा बनाकर तो कई रूप में भक्त अभी नजर आते हैं. ऐसे में ही कच्ची कांवरिया पथ पर भगवान भोले के एक ऐसे भक्त मिले जिन्हें भगवान भोले से गजब का प्रेम है.

हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि भगवान भोले के प्रति उनका ऐसा समर्पण की वह पूरा रास्ता बिना देखे (आंखों पर पट्टी बांधकर) भोले बाबा को जल अर्पण करने हेतु निकल पड़े हैं. जब इसको लेकर खगड़िया के चौथंभ से आए श्रद्धालु सुधांशु बम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह भगवान भोले के प्रति हठ योग है. भगवान भोले से मैंने अर्जी लगाई थी वह अर्जी मेरी पूरी हो गई जिसके बाद हम अपने आंख में पट्टी लगाकर बाबा भोले का दर्शन करने निकल पड़े हैं. उन्होंने कहा कि मैं प्रत्येक पूर्णिमा भगवान भोले को जलार्पण करने हेतु जाता हूं.
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