

ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के 38वें दिन के सर्वे में रविवार को भीतरी भाग में खोदाई की गई।
चिह्नित आठ में से चार ब्लाक में खोदाई हो रही है। यहां दीवारनुमा आकृति अब व्यापक रूप से दिखाई दे रही है। पहले तीन दीवारें दिखी थीं। अब इसमें चौथी दीवार भी दिखने लगी है। इस दीवार की लंबाई भी ज्यादा है।इसके अलावा उत्तर व दक्षिण की ओर भी कार्य किया गया। यहां से मिट्टी हटाई जा रही है।

वहीं कमाल मौलाना की दरगाह में केमिकल टीम के विशेषज्ञों ने कार्य किया। दरगाह परिसर के लेखों आदि की जानकारी पेपर रोल पर दर्ज की। भोजशाला की वीडियो व फोटोग्राफी भी फिर से हुई है। उधर सर्वे की अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में 29 अप्रैल को सुनवाई होगी।

याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया कि हमारी मांग पर हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि भोजशाला के 50 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे किया जाए। इसमें अभी तक जीपीआर व जीपीएस तकनीकों का इस्तेमाल नहीं किया गया है। आगामी दिनों में इसका उपयोग होगा। भोजशाला सनातनी धर्म की धरोहर है। यह सच सर्वे में सामने आ जाएगा।
अब सुनवाई पर नजर
बता दें कि 23 अप्रैल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा कोर्ट से सर्वे के लिए आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा गया था। कोर्ट के 11 मार्च के आदेश के तहत छह सप्ताह यानी 42 दिन के सर्वे में से अब तक 38 दिन का सर्वे रविवार को पूरा हो चुका है।
अब केवल चार दिन बचे हैं, जबकि सर्वे अभी व्यापक स्तर पर होना है। हिंदू पक्ष के अनुसार आधा कार्य भी नहीं हो पाया है। 29 अप्रैल को इंदौर में उच्च न्यायालय खंडपीठ में होने वाली सुनवाई पर सभी की निगाहें रहेंगी। 11 मार्च के आदेश के साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई 29 अप्रैल तय की थी।
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