

अंतर्कथा प्रतिनिधि
लखीसराय -: अगर मीडिया के लोग किसी संस्थान में ना जाए तो क्या क्या कहां घटित होता है इसकी जानकारी मिल पाना मुश्किल है। इसी के माध्यम से अधिकारी को संस्थानों में हों वाले कमी का पता भी चलता है।वर्तमान के दिनों में सरकारी विद्यालयों में बच्चों के अधिकारों का हनन करते विद्यालय के शिक्षक- शिक्षिकाए दिखाई दे रहे हैं। ये शिक्षक शिक्षिकाए ऐसा करवाने से कतई नहीं कतराते हैं। बच्चे अपने वर्ग में झाड़ू लगाते और कूड़ा उठाते दिखाई देते हैं तो दूसरी ओर वही शिक्षक शिक्षिकाएं आपस में गलबात करते नजर आते है। इन शिक्षक शिक्षिकाओं को इन बच्चों के इस तरीके से किए जाने वाले कामों को लेकर कोई हिचक नहीं होती है और यह बच्चे उन गंदगी को कूड़े फेंकने वाले डब्बों में जमा करते है। आखिर यह क्या है क्या ये शिक्षक शिक्षिकाए अपने बच्चो से ये काम करवाते है तो इसका सीधा जवाब होगा कि हम अपने बच्चे को पढ़ाने भेजते है या काम करवाने। ऐसे में अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों क्या इनका मौलिक अधिकार शिक्षा मिलने का नही है या फिर इन्ही शिक्षक शिक्षिकाओ के बच्चो को ही यह अधिकार सिर्फ प्राप्त है। यह कार्य लखीसराय जिले के चानन प्रखंड के उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भंडार का है। पुर्व के माह में इसी विद्यालय में पुस्तकालय में ताले की हेरा फेरी करने के चक्कर में पुस्तकालय का दरवाजा खुला छोड़ सहायक शिक्षक संग प्रभारी अपने घर की और निकल गए थे जिसका खुलासा नाइट गार्ड में किया था।

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