
*पानी रिसाव ने चासनाला खदान हादसे की यादें कर दी ताजा*
*धनबाद :* सेल कंपनी की जीतपुर कोलियरी अंडरग्राउंड माइंस के सिम नंबर 14 में पिछले एक सप्ताह से पानी का रिसाव हो रहा है, जिसके कारण अनहोनी की आशंका से प्रबंधन ने काम पूरी तरह से बंद कर दिया है.
कर्मियों के अनुसार मंगलवार को पानी रिसाव की सूचना कर्मियों ने प्रबंधन को दी थी.

पानी का रिसाव होने से हड़कंप मच गया. किसी अनहोनी की आशंका के चलते भूमिगत खदानों में काम कर रहे सभी 150 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया. सेल प्रबंधन ने तुरंत इसकी सूचना डीजीएमएस और सीआईएफएआर को दी. जिसके बाद डीजीएमएस और सीआईएफएआर की टीम मौके पर पहुंची और खदानों के संबंध में कई जानकारी हासिल की.
फिलहाल खदानों से कोयला खनन का काम बंद कर दिया गया है. आशंका है कि पास की टाटा कोलियरी के पिट नंबर 2 या 6/7 का पानी सेल की जीतपुर माइंस में लीक हो सकता है.

उसी खदान में काम करने वाले मजदूर गंगाधर महतो और विजय कुमार यादव ने बताया कि तीन-चार दिनों से पानी का रिसाव हो रहा था. मंगलवार को जब हम काम कर रहे थे तो पानी का रिसाव बढ़ गया. हमने सेल प्रबंधन को इसकी जानकारी दी? प्रबंधन की ओर से भी देखा गया कि पानी का रिसाव बढ़ गया है. फिर काम कर रहे सभी 150 मजदूरों को बाहर निकाला गया और खदानों से कोयला उत्खनन का काम पूरी तरह से बंद हो गया.
उन्होंने बताया कि काम बंद होने से प्रतिदिन 300 से 400 टन कोयला उत्खनन प्रभावित हुआ है. वहीं कोलियरी में काम करने वाले करीब 500 ठेका मजदूरों पर भी रोजगार छिनने का खतरा मंडरा रहा है.
*पहले हो चुकी हैं बड़ी दुर्घटनाएं*
आपको बता दें कि धनबाद कोयला क्षेत्र में जलजमाव के कारण कई बड़ी खदान दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. 27 दिसंबर 1975 को सेल की चासनाला भूमिगत खदान में जलजमाव के कारण 375 मजदूरों की जान चली गयी थी.
फरवरी 2001 में बीसीसीएल के लोदना क्षेत्र की बागडिगी भूमिगत खदान में पानी भरने से 29 मजदूरों की मौत हो गयी थी. 26 सितंबर 1995 को बीसीसीएल ब्लॉक 4 के गजलीटांड़ कोलियरी के पिट नंबर 6 में एक बड़ी खदान दुर्घटना हुई थी. जिसमें 64 कार्यरत कोलकर्मियो की जलसमाधि से जिंदा ही मौत हो गई थी.
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