

नईदिल्ली: नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने के अपने अभियान में जुटे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कर्ताधर्ता अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। इस समय बिहार के डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी साथ रहे।
नीतीश कुमार ने सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली के उपराज्यपाल को वापस देने के लिए अध्यादेश लाने की केंद्र की कवायद का विरोध किया और इस मुद्दे पर आप नेता को अपना समर्थन देने की घोषणा की। नीतीश ने दावा किया कि अध्यादेश ‘संविधान के खिलाफ’ है।

बिहार के सीएम ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘एक चुनी गई सरकार को दी गई शक्तियां कैसे छीनी जा सकती हैं? यह संविधान के खिलाफ है। हम अरविंद केजरीवालजी के साथ खड़े हैं। हम लोकसभा चुनाव 2024 के लिए देश के सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।’

नीतीश कुमार रविवार को अन्य विपक्षी नेताओं से भी मिलेंगे। बहरहाल, देखना यही है कि कांग्रेस के साथ मिलकर मोदी सरकार के खिलाफ चुनाव लड़ने के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी का रुख क्या रहता है। जैसे ममता बनर्जी और अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ सहज नहीं है, उसी तरह अरविंंद केजरीवाल भी कांग्रेस के साथ खुलकर आएंगे, यह मुश्किल लग रहा है।
चर्चा है कि पिछले दिनों जब दिल्ली शराब नीति मामले में शिकंजा कसा तो केजरीवाल ने सोनिया गांधी से समर्थन मांगा था, लेकिन गांधी परिवार की ओर उन्होंने सकारात्मक जवाब नहीं मिला।
इससे पहले नीतीश कुमार कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के शपथ ग्रहण में शामिल होने के बाद शनिवार को बेंगलुरु से दिल्ली पहुंच गए। यह चर्चा है कि विपक्षी एकजुटता के सवाल पर मुख्यमंत्री रविवार को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
वामदल के नेताओं के साथ भी बैठक संभव है। इस बैठक में पटना में प्रस्तावित विपक्षी एकजुटता को लेकर होने वाली बैठक की तारीख पर चर्चा होगी।
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