

*आज निर्जला एकादशी है दो दिन मनेगी निर्जला एकादशी, इस एक एकादशी में समाया गया है सभी एकादशियों का पुण्य*
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन निर्जला एकादशी होती है। यह वर्ष की सबसे बड़ी एकादशी होती है।*

*यह एकादशी इस बार दो दिन मनाई जाएगी।*

*एकादशी प्रारंभ 10 जून प्रात: 7.28 से*
*एकादशी पूर्ण 11 जून प्रात: 5.47*
*चूंकिसूर्योदय के समय एकादशी तिथि 11 जून को पड़ रही है इसलिए वैष्णव मत को मानने वाले 11 जून को ही एकादशी करेंगे जबकि स्मार्त मतावलंबी 10 जून को एकादशी मना लेंगे।*
*दो दिन मनेगी निर्जला एकादशी*
*शास्त्रों का कथन है कि निर्जला एकादशी करने से वर्ष की सभी एकादशियों का पुण्य प्राप्त किया जा सकता है। इसका व्रत पूर्ण शास्त्रीय विधान के अनुसार करना चाहिए। इसे निर्जला एकादशी इसलिए कहा जाता है, क्योंकिइस दिन पानी तक ग्रहण नहीं किया जाता है। यह व्रत पूर्ण निर्जल रहते हुए करना होता है। इसे पांडव एकादशी या भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है, क्योंकिइसे महाभारत काल में पांडु पुत्र भीम ने किया था।**
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