

नालंदा : नालंदा के होनहार छात्र की हादसे में हुई मौत से परिवार सदमे में है. चाचा ने कहा देश के श्रेष्ठ इंजीनियर के तौर पर देखना चाहते थे, लेकिन मिहिर इंजीनियरिंग के बाद सिविल सेवा में जाने की चाह रखता था. दरअसल! ज़िले के परबलपुर प्रखंड अंतर्गत मउआ गांव निवासी विपिन कुमार सिन्हा का इकलौता बेटा मिहिर कुमार सिन्हा हिमाचल प्रदेश के IIT मंडी में द्वितीय वर्ष का छात्र था. वह अपने 8 दोस्तों के साथ रविवार को मनाली पहाड़ पर सैर करने गया था. आईस स्केटिंग के दौरान पैर फिसलने से पहाड़ से नीचे गिर गया. जिससे उसकी मौत हो गई.
IIT के छात्र की मंडी में मौत : घटना के संबंध में एसपी मयंक चौधरी ने बताया कि केलांग पुलिस स्टेशन में अंशुल नामक एक युवक का फोन आया कि आईआईटी मंडी के छात्र मिहिर कुमार सिन्हा का एलियास झील के पास एक पहाड़ी से पैर फिसलने से गिर गया है. अंशुल और उसका समूह उस दौरान सिस्सू में रह रहा था. मिहिर के साथ शामिल अन्य दोस्तों ने भी घटना के संबंध में अपना ब्यान दर्ज कराया. घटना की जानकारी मिलते ही केलांग मुख्यालय डीएसपी, डीडीएमए और आईटीबीपी अधिकारियों की मदद से जिला पुलिस बचाव दल ने सर्च अभियान शुरू किया.

पैर फिसलने से हुआ हादसा : अगले दिन सोमवार की दोपहर पुलिस पोस्ट कोकसर की टीम ने शुरुआती खोज और बचाव के प्रयास किए और कठिन इलाके से मिहिर कुमार सिन्हा के शव को बरामद किया गया. इस दौरान मौके ए स्थल का निरीक्षण किया, साथ ही प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों की जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया. मिहिर के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार को पिता विपिन को सौप दिया है. मिहिर कुमार वर्तमान में परिवार के साथ राजधानी पटना के बारीपुर हसनपुर चाय टोला का रहने वाला था.

”घर का इकलौता चिराग बुझ गया. मिहिर बचपन से ही पढ़ने ने काफ़ी तेज़ था. पहले ही बार में IIT प्रवेश परीक्षा में शामिल हुआ और पास कर गया था. वह अपने बैच के छात्रों से पढ़ाई में हमेशा आगे रहता था. घर के सदस्य उसे देश के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर के तौर पर देखना चाहते थे लेकिन मिहिर सिविल सेवा में जाना चाहता था. लेकिन हमारे सपने सब मिहिर के साथ चले गए.”- विनय कुमार, मिहिर के चाचा
शव बरामद कर परिजनों को सौंपा : बता दें कि मिहिर के पिता विपिन कुमार निजी इंजीनियरिंग कंपनी में रीजनल हेड थे. कुछ महीने पहले ही जॉब से रिजाइन दे दिया था. दो साल पूर्व पटना में नया मकान खरीद मिहिर के साथ रहते थे और गांव के मकान को तोड़कर नए सिरे से बनवा रहा था. मिहिर एक भाई एक बहन में सबसे बड़ा था, बहन छोटी है. अभी परिवार के साथ पटना में हाई स्कूल की पढ़ाई कर रही है. मिहिर के माता-पिता के पहुंचने पर पोस्टमार्टम के बाद शव उन्हें सौंप दिया गया.
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