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दुमका घटना के बाद खुलने लगी लव-ज‍िहाद मामलों की पोल। बांग्‍लादेश का गैंग के सक्र‍िय*

ByAdmin Office

Sep 2, 2022

 

 

दुमका में खुलने लगी लव-ज‍िहाद मामलों की पोल। बांग्‍लादेश का गैंग के सक्र‍िय होने की बात इसमें सामने आ रही है। सुन‍ियोज‍ित तर‍ीके से नाबाल‍िग ह‍िंदू लड़क‍ियों को श‍िकार बनाया जा रहा है। ज‍िसकी स‍िसक‍ियां अब दुमका के कई इलाकों से सुनाई देने लगी है। दुमका व आसपास के इलाके में कई ऐसे लव-जिहाद के मामले सामने आ रहे हैं जो चौंकाने वाली है। अफसोस ऐसी लड़कियों की सिसकियां सुनने वाला अब कोई नहीं है। ऐसा इसल‍िए की इनके केस अब काफी देर हो गई है।

दुमका के इन इलाकों में सक्र‍िय लव-ज‍िहाद गैंग

दुमका शहर के डंगालपाड़ा, सानीडंगाल, जरुआडीह, बंदरजोड़ी में कई ऐसी हिंदू परिवार हैं जिनके घर की बेटियों को प्रेम जाल में फंसाकर अल्पसंख्यक समुदाय के युवकों ने अपना घर बसा लिया है। जानकार बताते हैं कि इन तमाम लड़कियों को पहले हिंदू लड़का बनकर प्यार की जाल में फंसाया गया है और फिर निकाह कर जबरन मतांतरण कराया गया है।

केस स्‍टडी 1

शहर के सानी डंगाल मोहल्ला में रहने वाली एक युवती ने कहा कि अब तो निकाह के एक दशक बीत गए हैं और बच्चे भी स्कूल जाने लगे हैं। आपबीती बताते हुए कहा कि पहले हम दोनों को इश्क हुआ था और जब बात बढ़ती चली तब पता चला कि वह हमारे धर्म का नहीं है। इसके बाद मेरे पास निकाह के अलावा कोई चारा नहीं था। निकाह के बाद तो धर्म भी परिवर्तन करना पड़ा।

केस स्‍टडी 2

वहीं दुमका के गांधी मैदान के निकट रहने वाले एक युवती के पिता ने अपनी दर्द को बयां करते हुए कहा कि अब तो बेटी का नाम भी नहीं लेते हैं हमलोग। तकरीबन आठ साल पहले वह किसी के प्रेम जाल में फंसकर हम सबको छोड़कर चली गई थी। बाद में जब उसे सच्चाई का पता चला तो वह पछता रही थी। लेकिन तब तक काफी देर चुका था।हम लोगों उसके लिए अपने घर दरवाजा सदा के लिए बंद कर दिया है।

चमक दमक द‍िखाकर फांसते जाल में

ऐसी ही कई घटनाएं बंदरजोड़ी मोहल्ले में भी हुई है लेकिन लोकलाज के कारण सब अपनी जुबां खामोश कर रखे हैं। दरअसल ऐसी स्थिति सिर्फ दुमका ही नहीं बल्कि संताल परगना के पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज एवं जामताड़ा में भी है। इन इलाकों हिंदू ही नहीं बल्कि आदिवासी व अनुसुचित समुदाय की लड़कियों को साजिशन चमक-दमक दिखाकर पहले प्रेम जाल में फंसाया जा रहा है और फिर इनसे निकाह कर धर्म-परिवर्तन कराया जा रहा है। जानकार बताते हैं कि इस गिरोह के काम करने का तरीका प्रतिबंधित बांग्लादेशी संगठन अंसार उल बांग्ला से काफी हद तक मिलता है।


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