

रांची: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई है। इसमें सीआरपीएफ के दो जवान गोली लगने से जख्मी हो गए। इनमें से एक ने रांची में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। दोनों को बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया था।
सुरक्षा बलों ने नक्सलियों का एक बड़ा बंकर ध्वस्त किया है। सुरक्षा बलों को भारी पड़ता देख नक्सली घने जंगल का फायदा उठाते हुए भाग निकले। सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन जारी है। बताया गया कि जिले के टोटों थाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ 60 बटालियन के दो जवानों कॉन्स्टेबल सुशांत और हवलदार मुन्ना को गोली लगी। इनमें से सुशांत ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हवलदार मुन्ना को सीने में गोली लगी है। उनकी भी स्थिति गंभीर बतायी जा रही है।

दरअसल, नक्सलियों ने चाईबासा के जंगल के इलाकों में लैंड माइंस और कई स्पाइक छिपा रखे हैं, इस वजह से सुरक्षा बल सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं। इस इलाके में एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा ने पनाह ले रखी है। बताया जाता है, चार साल में पहली बार सुरक्षा बल भाकपा माओवादी नक्सली संगठन सेंट्रल कमेटी और एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के करीब पहुंचे हैं।

नक्सलियों के साथ हुई इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ कोबरा बटालियन और झारखंड पुलिस की ओर से झारखंड जगुआर की टीम शामिल थी। दोनों तरफ से कई राउंड गोलियां चलीं और मिसिर बेसरा अपने दस्ते के साथ पीछे हटने को मजबूर हो गया। अभियान की सफलता के बाद मिसिर बेसरा के बेस कैंप को सुरक्षा बलों ने ध्वस्त कर दिया।
बंकर 20 गुणा 40 के आकार में था और यहीं से एक करोड़ का इनामी नक्सली मिसिर बेसरा ऑपरेट कर रहा था। बंकर में लाइट की सुविधा से लेकर दैनिक जरूरत का हर सामान मौजूद था। बंकर में सुरक्षा बलों को मोर्टार, विस्फोटक सहित अन्य हथियार और नक्सली साहित्य बरामद हुए हैं।
पुलिस अधिकारियों ने अभी इस संबंध में खुलासा नहीं किया है, लेकिन यह बड़ी सफलता मानी जा रही है।
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