

ईसीएल की कपासरा आउटसोर्सिंग कोयला खदान में चाल गिरने से 5 मजदूर दब गए. एक युवक की मौत हो गई. यह सब हुआ कोयले के अवैध उत्खनन की वजह से. यह हादसा हनुमान चढ़ाई के नीचे सोमवार की सुबह हुई .
धनबाद: हादसों का शहर हो गया है धनबाद. सोमवार को धनबाद गोमो रेलखंड पर हादसे में जहां 6 मजदूरों की मौत हो गई, वहीं ईसीएल की कपासरा आउटसोर्सिंग कोयला खदान में चाल गिरने से 5 मजदूर दब गए. एक युवक की मौत हो गई. यह सब हुआ कोयले के अवैध उत्खनन की वजह से. यह हादसा हनुमान चढ़ाई के नीचे सोमवार की सुबह हुई .सभी लोग आसपास गांव के रहने वाले बताए जाते हैं. एक युवक की दबकर मौत होने की बात कही जा रही है, जबकि 4 लोगों को बचा लिया गया है .कोयला माफिया स्थानीय लोगों की मदद से शव को बाहर निकाला और उसे ठिकाने लगा दिया है. लोग बताते हैं कि 20 ,25 की संख्या में आसपास के गांव के लोग कोयले का अवैध खनन करने के लिए खदान में उतरे थे .बीस के आसपास लोग मुहाने के अंदर गए और कोयला काटने लगे. बाकी अवैध खनन से निकाले गए कोयले को ढोने के लिए मुहाने के बाहर बैठे थे .सुबह 5 बजे जोरदार आवाज के साथ चाल धस गई. इससे मुहाने के किनारे और बाहर बैठे लोग तो बाल-बाल बच गए लेकिन 5 लोग मलबे की चपेट में आ गए. इसमें एक की मौत हो गई. सभी घायलों का गुपचुप तरीके से इलाज चल रहा है .

अवैध उत्खनन के कारण होती है घटना

सूत्र बताते हैं कि कपासरा आउटसोर्सिंग में अवैध उत्खनन में मौत की पहली घटना नहीं है. पहले भी घटनाएं हुई है और कई साल पूर्व हुई घटना में 4 लोगों की मौत हुई थी. प्रशासन, पुलिस अथवा कोलियरी मैनेजमेंट चाहे जो भी दावा कर ले लेकिन अवैध उत्खनन का काम धनबाद में रुक नहीं रहा है. कोयलांचल का कोई ऐसा इलाका नहीं है ,जहां पर अवैध खनन का काम नहीं हो रहा है .
इधर, बाघमारा से जानकारी मिली है कि जमुनिया नदी के किनारे निर्माणाधीन पुल के निकट अवैध कोयला उत्खनन का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में सोमवार को ब्लॉक दो प्रबंधन ने अवैध खनन स्थल की डोजरिंग करवा कर अवैध मुहाने की भराई की. माटीगड़ा की मुखिया ने जमुनिया नदी के किनारे अवैध कोयला उत्खनन कर बाहर भेजने का वीडियो जारी किया था. वीडियो वायरल होने के बाद प्रबंधन हरकत में आया . डोजरिंग कराने के बाद फिर वहां मुहाना खोले गए हैं अथवा नहीं ,इसकी कभी जांच पड़ताल नहीं की जाती. मामला पकड़ में आने के बाद छोटे-छोटे कोयला चोरों पर मुकदमा कर दिया जाता है जबकि इसके मास्टरमाइंड पर कोई कार्रवाई नहीं होती. नतीजा होता है कि बाहर से मजदूरों को लाकर फिर से अवैध खनन का काम शुरू करा दिया जाता है.
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