

रिपोर्ट – सुनील आर्या
मधुबनी . जिले डेंगू के अब तक 10 मरीजों के चिन्हित होने के बाद जिला स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में है. वहीं 23 ऐसे मरीजों को चिन्हित किया गया है, जो मूलतः जिला के निवासी हैं, लेकिन इन मरीजों का ट्रैवल हिस्ट्री जिला में नहीं है. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार 10 चिन्हित मरीजों में 9 ग्रामीण क्षेत्रों तथा 1 मरीज नगर निगम क्षेत्र में चिन्हित है.

बता दें कि बीते दिनों बाबूबरही प्रखंड के बरदाहा निवासी डेंगू मरीज किशुन लाल साह का पीएमसीएच में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. डीवीबीडीसीओ कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों के सात मरीजों के घर के 500 मीटर की परिधि में मालाथियोन से फागिंग एवं लार्वीसाइडल से छिड़काव किया गया है.

ग्रामीण क्षेत्रों के दो मरीजों के घर के पास 26 सितंबर को फागिंग एवं छिड़काव किया जाएगा. जबकि नगर निगम क्षेत्र के एक मरीज के घर मंगलवार को नगर निगम द्वारा फागिंग एवं छिड़काव किया गया. डेंगू के मरीजों की संख्या में हो रहे इजाफा को देखते हुए मंगलवार को मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने वीसी के माध्यम से डीएम, सीएस और नगर आयुक्त को डेंगू से बचाव व तैयारी की जानकारी लिया. इसके साथ ही आवश्यक दिशा-निर्देश दिया.
मुख्य सचिव ने डीएम अरविंद कुमार वर्मा को अपने स्तर से बैठक कर मानिटरिंग करने का निर्देश दिया. इस अवसर पर मुख्य सचिव ने माइकिंग के जरिए लोगों को डेंगू के प्रति जागरुक करने का निर्देश दिया. क्षेत्रों में रखी जा रही पैनी नजर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. दया शंकर सिंह ने कहा कि डेंगू के रोकथाम के लिए डीएम के निर्देश के आलोक में क्षेत्रों में पैनी नजर रखी जा रही है. केटीएस वीबीडीएस, बीएचडब्ल्यू एवं बीएचआई द्वारा अपने-अपने आवंटित क्षेत्र में लोगों को डेंगू से संबंधित रोगों के कारण एवं उससे बचने के उपाय का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. संदिग्ध मरीजों को जांच के लिए नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा जा रहा है.
50 सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल जमाव एवं गंदगी वाले क्षेत्रों में एंटी लार्विसाइडल टेमीफास का छिड़काव कराया जा रहा है. रैपिड रिस्पांस टीम का किया गया है गठन डॉ. डीएस सिंह ने कहा कि डेंगू, मलेरिया एवं चिकनगुनिया जैसे गंभीर रोग से निपटने के लिए जिले में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है. जिला स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर पर आम लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरूकता व इलाज की सटीक जानकारी देने के साथ साथ आपातकालीन स्थिति से निपटने की जिम्मेदारी इस टीम को दी गयी है. डेंगू के मरीज के अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में मरीज के लिए सदर अस्पताल में 8 बेड, अनुमंडलीय अस्पतालों में 4-4 बेड तथा प्रत्येक सीएचसी एवं पीएचसी में 2-2 बेड आरक्षित किया गया है.
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