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पॉलिटिकल कयास : बीजेपी के कुछ नेताओं के परिवार के सदस्य हो सकते हैं आने वाले चुनाव में विधायक प्रत्याशी के दावेदार

ByAdmin Office

Aug 11, 2023

 

*रांची :* राजनीति हो या आम जिंदगी, रिश्ता हमेशा परिवारवाद को बढ़ावा देने की जुगाड़ में रहता है. झारखंड में लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा की रणनीति पर कुछ बड़े नेता काम करना शुरू कर दिए हैं. वो ऐसे नेता हैं जो जानते हैं कि लोकसभा में उनकी भागीदारी को फिलहाल कोई खतरा नहीं है. इसलिए क्यों नहीं विधानसभा चुनाव पर भी दांव खेला जाये.

लगता है बीजेपी में सिर्फ परिवारवाद को बढ़ावा देने पर ही जैसे काम नहीं हो रहा है. बल्कि ऐसे नेता जो हैं तो लाइम लाइट में, लेकिन जनप्रतिनिधि नहीं बन पाये हैं, वो भी इस बार टिकट लेकर अपनी किस्मत आजमाना चाह रहे हैं.

कोई बड़ा नेता किसी की टिकट काट कर अपनी जगह बनाना चाह रहा है, तो कोई नेता लोकसभा में खुद और विधानसभा में परिवार के सदस्यों को मजबूती में खड़ा करने की जुगाड़ में है. वैसे राजनीति में कुछ भी कहना कठीन है।कब किसका पलड़ा मजबूत होगा और कब किसे हाशिये पर लाने की कोशिश होगी।यह आलाकमान के सोच और रणनीति पर निर्भर है लेकिन राजनीति में कुछ भी सम्भव है।

*अर्जुन मुंडा , ढुल्लू महतो और अन्नपूर्णा देवी तीनों के परिवार में राजनीति के लिए तैयार कर रहे हैं अपनी विरासत*

केंद्र सरकार में मंत्री अर्जुन मुंडा , बाघमारा के तेज तर्रार विधायक ढुल्लू महतो और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी दोनों ही अपनी विरासत को आगे बढ़ाने की कवायद में जुट गए हैं. वैसे तो फिलहाल सारा मामला पहले स्टेज में है. लेकिन गोटी बैठ गया तो मामला फिट होकर हिट हो सकता है.

*अर्जुन मुंडा :* अर्जुन मुंडा हमेशा से जमशेदपुर क्षेत्र से जाने-जाते रहे हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में कुछ वोटों के अंतर से वो खूंटी लोकसभा चुनाव जीत पाये. एसटी उम्मीदवार होने का उन्हें फायदा मिला और वह केंद्र में बतौर मंत्री काबिज हुए. आनेवाले आम चुनाव में में भी वे अपना टिकट लगभग फाइनल मान कर हर रणनीति पर काम कर रहे हैं. लेकिन फोकस में विधानसभा चुनाव भी है. अर्जुन मुंडा आनेवाले विधानसभा चुनाव में अपनी पत्नी मीरा मुंडा को मैदान में उतार सकते हैं. ऐसा बीजेपी के पुख्ता सूत्रों ने कन्फर्म किया है. हर लिहाज से खरसावां सीट ही विधानसभा के लिए बेहतर होगा और इस बात को श्री मुंडा भलीभांति जानते हैं. जमीनी स्तर पर भी इसकी तैयारी हो रही है. आगे क्या होगा यह बताना मुश्किल है.

*ढुल्लू महतो :* वहीं बाघमारा के अति लोकप्रिय भाजपा विधायक ढुल्लू महतो की नजर धनबाद एवं गिरिडीह संसदीय सीट पर है। अभी तक वह यह तय नहीं कर पायें हैं कि कौन सा सीट उनके लिए सेफ होगा और इसी जोड़ घटाव में वह व्यस्त हैं। बाघमारा से तीन बार चुनाव जीत कर उन्होंने भाजपा में अपनी अलग पैठ बना ली है।

अपने विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने काफी शानदार रामराज्य मंदिर बनाकर देश व प्रदेश में काफी ख्याति प्राप्त कर ली है। ऐसे में चाहते हैं कि एक बार सांसद का चुनाव लड़ा जाये और अपनी सुरक्षित सीट पर वह अपनी पत्नी सावित्री देवी को लड़ा दे। वह अपनी पत्नी को बखूबी हर जगह प्रोजेक्ट भी कर रहे हैं। कोई भी कार्यक्रम के पोस्टर या तोरणद्वार पर ढुल्लू के साथ ही उनकी पत्नी सावित्री देवी का भी रहता है।

*अन्नपूर्णा देवी :* वहीं कोडरमा से सांसद और राजद की पुरानी कद्दावर नेता अन्नपूर्णा देवी भी कुछ ऐसी ही रणनीति पर काम कर रही हैं. फिलहाल वो बीजेपी से कोडरमा की सांसद हैं.अन्नपूर्णा देवी को राजनीति अपनी मेहनत से ज्यादा ससुराल से मिली. रमेश प्रसाद यादव, जो कभी राजद के कद्दावर नेता हुआ करते थे, उनके देहांत के बाद उननी पत्नी अन्नपूर्णा देवी एक
जनप्रतिनिधि के रूप में ऊभर कर आयीं. लेकिन अब वो अपनी राजनीतिक विरासत को बढ़ावा देना चाह रही हैं. उनके बेटे मयंक यादव को वो कोडरमा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाने की रणनीति पर काम कर रही हैं. उन्होंने भी इस काम के लिए ग्राउंड लेवल पर काम करना शुरू कर दिया है. लेकिन बीजेपी के शीर्ष पदाधिकारी इसपर क्या फैसला लेते हैं, यह काफी दूर की बात होगी. फिलहाल इसे एक राजनीतिक कयास तो जरूर ही कह सकते हैं.


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