

*धनबाद :* बहुत जल्द ही कोल इंडिया का नाम बदल सकता है. अब कोल इंडिया को नया नाम मिल सकता है. कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के बाद इस कंपनी की स्थापना हुई थी. इसी कंपनी के अंतर्गत कोयला उद्योग से जुड़े सभी अनुषंगी कंपनियां काम कर रही थी. कोल इंडिया अध्यक्ष के मातहत ही अनुषंगी कंपनियों के अध्यक्ष प्रबंध निदेशक कार्यरत हैं. जानकारी के अनुसार कोल इंडिया स्तर पर नाम परिवर्तन के लिए एक कमेटी बनी है. जो किसी नए नाम पर विचार कर रही है. इस कमेटी में अनुषंगी कंपनियों के कई सीएमडी को भी शामिल किया गया है. तर्क दिया गया है कि कोल इंडिया अब सिर्फ कोयले की कंपनी नहीं है.
*अभी तक मंथन ही चल रहा है*

कोयले के साथ सौर ऊर्जा, गैस आदि से संबंधित प्रोजेक्ट पर यह कंपनी काम कर रही है. इसलिए आने वाले दिनों में इसका नाम बदला जा सकता है. भविष्य में कोल इंडिया ग्रीन हाइड्रोजन पर भी काम कर सकती है. इन सब कारणों को लेकर कोल इंडिया का नाम बदलने की तैयारी है. कोल इंडिया के नाम की जगह किसी न किसी रूप में एनर्जी शब्द को लाया जा सकता है. हालांकि अभी तक किसी भी नाम पर निर्णय नहीं हुआ है. वैसे, एनर्जी इंडिया लिमिटेड सहित कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है.

*कई सौर ऊर्जा पर बड़े आकार में काम शुरू कर चुकी है*
सूत्रों की माने तो कोल इंडिया की कई कंपनियां सौर ऊर्जा पर बड़े आकार में काम शुरू कर चुकी है. दो तीन कंपनियां हाइड्रोजन को लेकर आगे बढ़ रही है. सिर्फ कोयला ही नहीं बल्कि अन्य कामों को देखते हुए कोल इंडिया के नाम में परिवर्तन की जरूरत महसूस की जा रही है. इधर , बीसीसीएल में जिस कंपनी को सीबीएम दोहन का काम दिया गया है, उसे एनवायरमेंट क्लीयरेंस मिल गया है. बीसीसीएल प्रबंधन की मानें तो मानसून के बाद कंपनी बोरहोल का काम शुरू कर सकती है. बीसीसीएल में उत्पादित सीबीएम को ऊर्जा गंगा पाइपलाइन से ग्राहकों तक पहुंचाने की योजना है. धनबाद कोयलांचल में बीसीसीएल काम करती है. बीसीसीएल बंगाल बॉर्डर तक है. ईसीएल भी है और इसका दायरा संथाल तक है।
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