

गढ़वा: दक्षिणी वन प्रमंडल अंतर्गत रंका अनुमंडल के रंका, रमकंडा और भंडरिया थाना के विभिन्न गांवों के ग्रामीण तेंदुआ के आतंक से गांव के लोग दहशत में हैं। एक अनुमान के अनुसार अनमुंडल के करीब 100 से अधिक गांवों में ग्रामीण तेंदुआ के आतंक से डरे सहमे हैं। वन विभाग अबतक तेंदुआ को पकड़ने में असफल रहा है।
उधर बुधवार शाम रमकंडा थानांतर्गत कुशवार गांव में 13 वर्षीय किशोर हरेंद्र घांसी की तेंदुआ के हमले में मौत से नाराज ग्रामीणों ने गुरुवार को रमकंडा-भंडरिया सड़क को जाम कर दिया।

मृतकों के परिजनों को मिलेगा 4 लाख का मुआवजा

नाराज ग्रामीण तेंदुआ को पकड़ने या क्षेत्र से खदेड़ने की मांग को लेकर वन प्रमंडल पदाधिकारी और वन संरक्षक को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। जाम कर रहे लोगों में वन विभाग के प्रति काफी आक्रोश देखा गया। सुबह नौ बजे से लेकर अपराह्न 2.30 बजे तक जाम रहा। करीब साढ़े पांच घंटा जाम रहने के कारण उक्त सड़क आवाजाही ठप हो गई थी। सड़क जाम की सूचना पर रेंजर गोपाल चंद्रा, रमकंडा बीडीओ पुष्कर सिंह मुंडा, जिप उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव सहित अन्य भी पहुंचकर लोगों को समझाकर आश्वासन देकर जाम हटाया। मृतक के परिजनों को प्रावधान के तहत चार लाख रुपये मुआवजा देने का आश्वासन दिया।
बच्चों और महिलाओं को निशाना बनाता है तेंदुआ
तेंदुआ ने पहली बार 13 दिसंबर शाम को भंडरिया के बिचका गांव में दो बच्चियों पर हमला कर शिकार बनाने की कोशिश की थी। वह मामूली रूप से घायल हो गई थीं। यह गांव प्रखंड मुख्यालय से 40 किमी दूर है। बिचका गांव में तेंदुआ के हमले में दोनों बच्चियां बच गई थी। उसके 24 घंटे बाद बिचका से 10 किमी दूर रोदो गांव पहुंचकर शाम करीब 5.30 बजे छह वर्षीय विक्रम तुरी को अपना शिकार बनाया। तेंदुआ ने उक्त बच्चे को मार डाला था। उक्त घटना के बाद तेंदुआ रोदो गांव से सटा हुआ बिराजपुर गांव के लहंगगोरेया टोले में 17 दिसंबर को सुबह अपने आंगन में झाड़ू लगा रही महिला पर हमला किया था। उक्त हमले में महिला बाल बाल बच गई थी।
वहीं 18 दिसंबर को उक्त गांव से करीब 20 किमी की दूरी तय कर मदगड़ी क पंचायत के बघवार गांव में सुबह करीब चार बजे भैंस पर हमला कर तेंदुआ ने मार डाला था। उसके बाद 40 किमी की दूरी तय कर तेंदुआ रंका प्रखंड अंतर्गत सेवाडीह गांव पहुंच 19 दिसंबर की शाम करीब 5.30 बजे सात वर्षीय बच्ची पर हमला उसे मार डाला था।
घर से 400 मीटर की दूरी से बच्चे को खींच ले गया
बुधवार शाम हरेंद्र के साथ आ रहा उसका दोस्त राजगीर नायक ने बताया कि वह मोबाइल अपने बड़े चाचा के घर चार्ज पर लगाया था। वह वहां से मोबाइल लेकर आ रहा था। उसके घर से चाचा के घर की दूरी 400 फीट के करीब है। आने के क्रम में एक नाला पड़ता है। हरेंद्र नाला जैसे ही पार किया, सरसों लगी खेत से निकल पीछे से तेंदुआ ने हमला कर दिया। हरेंद्र उससे तीन-चार कदम पीछे था। हमला करने के बाद हरेंद्र को घसीटते हुए ले जाने लगा। यह देखकर वह शोर मचाने लगा। उसका शोर सुनकर आसपास के ग्रामीण वहां पहुंच गए। तबतक तेंदुआ वहीं पर छुपा था। तबतक रात हो गई थी। जब टॉर्च जलाकर ग्रामीणों ने देखा तो उसके दोस्त हरेंद्र के शव को छोड़कर तेंदुआ भाग गया। घटना के बाद से वह काफी डरा सहमा है।
तेंदुआ की वजह से दहशत में हैं 100 गांवों के लोग
तेंदुआ के हमले में मारे गए भंडरिया थानांतर्गत रोदो गांव निवासी विक्रम तूरी और सेवाडीह गांव की बच्ची सीता कुमारी के परिजनों को मुआवजा के तौर पर 4-4 लाख रुपये दिए जाएंगे। उसके अलावा बुधवार शाम को मारे गए हरेंद्र घासी के परिजनों को मुआवजा जल्द ही मिलेगा। उसके अलावा तेंदुआ में घायल होने वालों और मवेशी मारे गए पीड़ित परिवार को मुआवजा का भुगतान किया जाएगा। यह जानकारी डीएफओ शशि कुमार ने दी। वन विभाग की ओर श्रार्द्धकर्म के लिए 5000 रुपये नकद दिया गया। रेंजर ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द ही आदमखोर तेंदुआ को पकड़ लिया जाएगा। अगर विभाग उसे पकड़ नहीं पाती है तो उसे मारने का आदेश दिया जाएगा। उसके लिए विभाग पत्राचार कर रहा है। अनुमति मिलते ही शुटर को बुलाकर उसे मारने का प्रयास किया जाएगा। उक्त सारी कार्यवाही तेजी के साथ विभाग कर रहा है।
रेंजर ने वन विभाग की टीम को कुशवार के आसपास की सड़कों पर लगी झाड़ियों को साफ करने का आदेश कर्मियों को दिया है। उसके अलावा ग्रामीणों को लाइट उपलब्ध कराने को कहा है।
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