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आज २ दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

ByAdmin Office

Dec 2, 2022

 

वर्तमान समय में मानवीय अस्तित्व के लिए सबसे बड़े संकट की बात की जाए तो निःसंदेह ही पर्यावरण प्रदूषण धरती के लिए सबसे बड़ा खतरा है। आज विश्व का प्रत्येक भाग मानव द्वारा निर्मित प्रदूषण से जूझ रहा है जिसके कारण विभिन पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन हो गयी है। जल, स्थल, वायुमंडल सहित जीवमंडल का सम्पूर्ण पारिस्थितिक तंत्र प्रदूषण के कारण संकट में है। मानवीय प्रदूषण के कारण उत्पन संकट को दूर करने के लिए सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के माध्यम से देश के नागरिको को जागरूक किया जाता है।*

*National Pollution Control Day 2022*

वर्तमान समय में मानवीय कारकों के कारण पर्यावरण में प्रदूषण में निरंतर वृद्धि हो रही है जो की वास्तव में सम्पूर्ण मानव जाति के लिए खतरे की घंटी है। पारिस्थितिक तंत्र के सभी भागों में मानव निर्मित प्रदूषण अपनी पैठ बना चुका है जिसके कारण पारिस्थितिक तंत्र के सभी जीव-जंतुओं एवं वनस्पतियों का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। प्रदूषण वह स्थित होती है जब किसी भी पारिस्थितिक तंत्र (जल, स्थल, वायु) में विभिन अवयवों की मात्रा निर्धारित संतुलित सीमा से अधिक हो जाती है जिसके कारण संपूर्ण तंत्र का संतुलन बिगड़ जाता है एवं पारिस्थितिक तंत्र का अस्तित्व संकट में आ जाता है। प्रदूषण के कारण पारिस्थितिक तंत्र के विभिन अवयवों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है एवं पूरे तंत्र में असंतुलन की स्थित पैदा हो जाती है।

*प्रदूषण के कारकों के आधार पर इसे विभिन प्रकार से विभाजित किया गया है जिन्हे मुख्यत निम्न प्रकार से बाँटा गया है :- जल-प्रदूषण, वायु-प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, प्रदूषण के प्रमुख कारक है। मानव निर्मित औद्योगिक गतिविधियों, रसायनों के प्रयोग, खनिज तेल का उपयोग एवं प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुन दोहन के कारण प्रदूषण पैदा होता है।*

*प्रदूषण नियंत्रण दिवस क्यों मनाया जाता है ? इतिहास*

प्रदूषण नियंत्रण दिवस का आयोजन नागरिको को पर्यावरण प्रदूषण के बारे में जागरूक करने एवं इसके प्रबंधन, नियंत्रण एवं समुचित निस्तारण के लिए प्रभावी उपाय करने के सम्बन्ध में जागरूकता फैलाने के लिए किया जाता है। प्रदूषण नियंत्रण दिवस के माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण के बारे में जानकारी प्रदान करने के अतिरिक्त इसके पारिस्थितिक तंत्र पर प्रभाव, मानवीय एवं औद्योगिक लापरवाही से उत्पन प्रदूषण को नियंत्रित करने एवं सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में बनाये गए विभिन नियमों एवं कानूनों के बारे में नागरिको को जानकारी प्रदान की जाती है।

भारत में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस को मनाने की शुरुआत दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी में शुमार भोपाल गैस त्रासदी के बाद हुयी थी। 2 दिसंबर 1984 की रात को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाईड इंडिया लिमिटेड नामक कंपनी की कीटनाशक फैक्ट्री से औद्योगिक दुर्घटना के कारण जानलेवा जहरीली गैस मिथाईल आइसोसाइनेट (MIC) का रिसाव हुआ था। इस घटना के कारण भोपाल में हजारों लोग मारे गए थे। भोपाल गैस त्रासदी में जान गवाँने वाले मृतकों की स्मृति में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है।

*National Pollution Control Day 2022*

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस को प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को मनाया जाता है। वर्ष 1984 में भोपाल में हुयी भीषण औद्योगिक दुर्घटना के कारण इस हादसे में जान गवाँने वाले मृतकों की याद में प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस (National Pollution Control Day) मनाया जाता है।

*क्या है राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस, उद्देश्य*

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य नागरिको को पर्यावरण प्रदूषण के बारे में जागरूक करना है। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के माध्यम से सरकार एवं विभिन गैर-सरकारी संस्थानों के द्वारा विभिन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसके माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण का कारकों, इसके नियंत्रण एवं निस्तारण में लोगों की सहभागिता के माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण हेतु प्रभावी कार्ययोजना को लागू किया जाता है। साथ ही जन-सहभागिता के अतिरिक्त राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के अवसर पर विभिन नियमों एवं कानूनो के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जाता है। पर्यावरण प्रदूषण हेतु प्रभावी उपायों के बारे में भी इस दिवस के अवसर पर विभिन प्रकार की जानकारी साझा की जाती है।

*क्या है प्रदूषण का मानवीय जीवन पर प्रभाव*

प्रदूषण का पारिस्थितिक तंत्र सहित मानवीय जीवन पर घातक प्रभाव होता है। प्रदूषण के कारण पारिस्थितिक तंत्र में असंतुलन उत्पन हो जाता है जिसके कारण विभिन जीवों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाता है। प्रदूषण का पारिस्थितिक तंत्र सहित मानव जीवन पर घातक प्रभाव पड़ता है। इसके कारण विभिन जीवों के खाद्यान एवं आवास पर संकट उत्पन होता है। साथ ही विभिन वैज्ञानिक अनुसंधानो में भी यह बात साबित हो चुकी है है की प्रदूषण ना सिर्फ हृदय, श्वसन एवं तंत्रिका तंत्र सम्बंधित बीमारियों के लिए जिम्मेदार है अपितु यह कैंसर जैसे बीमारियों का भी प्रमुख कारक है। प्रदूषण के कारण लोगो की उम्र में 10 वर्ष तक की कमी सम्बंधित शोध भी प्रकाशित हो चुके है।


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