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आज के विशेष में जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त एवं महत्व

ByAdmin Office

Nov 30, 2022

 

*? 30 नवंबर, बुधवार ?*

इस लेख को पढ़ने वाले सभी भक्तजनों को मेरा नमस्कार। मैं यह प्रार्थना करता हूं कि आप सभी पर मां दुर्गा की कृपा हमेशा बनी रहे।

देवी दुर्गा को हिंदू धर्म में जगत जननी के रूप में देखा जाता है। एक जननी की तरह दुर्गा जी सभी मनुष्यों की रक्षा करती हैं, उनको अपना प्रेम देती हैं, और उन पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखती हैं।

*जानकारी देते हुए,हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है।*

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की दुर्गाष्टमी 1 नवम्बर 2022 को है। इस दिन दुर्गा माता को प्रसन्न करने के लिए पूरे भक्ति भाव से उनकी पूजा अर्चना की जाती है। इसके साथ ही भक्त मां दुर्गा के प्रति अपनी आस्था को प्रकट करने के लिए व्रत रखते हैं।

*क्यों मासिक दुर्गाष्टमी को हिंदू धर्म में शुभ और महत्वपूर्ण माना गया है।*

अष्टमी के दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध करके पूरे ब्रह्माण्ड को उस भयानक राक्षस के प्रकोप से मुक्त किया था। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन देवी ने अपने भयानक और रौद्र रूप को धारण किया था, इसलिए इस दिन को देवी भद्रकाली के रूप में भी जाना जाता है।

इस दिन पूरी निष्ठा के साथ पूजा-पाठ करने और व्रत रखने वाले लोगों पर माता का आर्शीवाद बना रहता है। सच्चे भक्तजनों के सभी कष्ट-विकार दूर होते हैं और उनके घर में सुख-शांति बनी रहती है। मां की उपासना करने वालों की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है।

*शुभ मुहूर्त:*

*इस माह में ये पर्व 30 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा।*

*आरंभ:* 30 नवंबर 2022, बुधवार को सुबह 08:58 से

*समापन:* 01 दिसंबर 2022, गुरुवार को सुबह 07:21 तक।

आइए, अब जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी के दिन किन विशेष बातों का खास ख्याल रखना चाहिए और किन चीजों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

कहा जाता है कि दुर्गाष्टमी के दिन घर में सुख और समृद्धि के लिए मां की ज्योति आग्नेय कोण में जलाना शुभ होता है। इसलिए इस दिन मां की ज्योति को आग्रेय कोण में ही जलाएं। इसके साथ ही इस दिन पूजा करने वाले भक्तों का मुख पूजा के समय पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ ही होना चाहिए। साथ ही ध्यान रहें कि पूजा के समय पूजा का सामान दक्षिण-पूर्व दिशा में ही रखें।

इसके अलावा मासिक दुर्गाष्टमी के दिन पूजा में तुलसी, आंवला, दूर्वा, मदार और आक के पुष्प का इस्तेमाल ना करें।इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए। कहा जाता है कि घर में कभी एक से अधिक मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो नहीं रखनी चाहिए।


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