
कुमारधुबी/धनबाद: दिल्ली पुलिस की एक विशेष टीम ने सोमवार देर शाम कुमारधुबी के बरडंगाल रविदास टोला में बड़ी कार्रवाई की। पुलिस टीम दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद मुख्य आरोपी शिव रविदास को रिमांड पर लेकर उसके घर पहुंची। यह मामला ₹1.60 करोड़ से अधिक की साइबर ठगी से जुड़ा है।
साक्ष्य जुटाने के लिए घर पर छापेमारी

दिल्ली पुलिस की टीम शिव रविदास को लेकर उसके आवास पहुंची, जहाँ साइबर अपराध से जुड़े आवश्यक डिजिटल और भौतिक साक्ष्य (Evidence) जुटाए गए। स्थानीय पुलिस (कुमारधुबी ओपी) के एएसआई सुरेश देवगम भी टीम के सहयोग के लिए मौजूद थे। इस दौरान पुलिस ने शिव के भाई शंभू रविदास की भी तलाश की, लेकिन वह घर से फरार मिला। सूत्रों के मुताबिक, शंभू ने निरसा के तिलतोड़िया स्थित अपने ससुराल में शरण ली है।

रविदास टोला: साइबर ठगी का ‘सेफ जोन’?
इस घटना ने क्षेत्र में साइबर अपराध के गहरे नेटवर्क को उजागर किया है। ग्रामीणों के बीच इस बात को लेकर भारी आक्रोश है कि बरडंगाल का रविदास टोला अब साइबर ठगों का सुरक्षित ठिकाना बनता जा रहा है।
नाबालिगों का इस्तेमाल: इस काले कारोबार में नाबालिग बच्चों को शामिल किया गया है, जिनका मुख्य काम ठगी की गई रकम को एटीएम (ATM) से निकालना है।
राजनीतिक संरक्षण का आरोप: स्थानीय लोगों का दावा है कि इस पूरे सिंडिकेट का संचालन एक बड़ी राजनीतिक पार्टी का युवा नेता कर रहा है। उसके पास विभिन्न बैंकों के दर्जनों एटीएम कार्ड मौजूद हैं, जिनका उपयोग ट्रांजैक्शन के लिए किया जाता है।
बड़ी कार्रवाई की मांग
लोगों का कहना है कि अगर समय रहते पुलिस ने इस गिरोह के सरगना और राजनीतिक रसूख वाले लोगों पर हाथ नहीं डाला, तो क्षेत्र के और भी युवा इस दलदल में फंसते चले जाएंगे। दिल्ली पुलिस की टीम साक्ष्य जुटाने के बाद आरोपी शिव को लेकर वापस दिल्ली रवाना हो गई।
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