
फिरोजाबाद जिले में 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश नरेश पंडित के एनकाउंटर पर सवाल उठ गए हैं। इस मुठभेड़ की जांच राज्य मानवाधिकार आयोग ने शुरू कर दी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने आयोग में शिकायत करते हुए इसे मानवाधिकार उल्लंघन बताया और पुलिस पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि जब आरोपी हथकड़ी में था, तो उसके पास हथियार कैसे पहुँचा, यह गंभीर सवाल है। शिकायत के आधार पर आयोग ने जिला मजिस्ट्रेट अलीगढ़ को विस्तृत जांच कर 3 दिसंबर 2025 तक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। यह मामला 4 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होगा।
पुलिस के मुताबिक, 30 सितंबर की सुबह मक्खनपुर थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बदमाशों ने गुजरात की एक कंपनी की कैश वैन से दो करोड़ रुपये लूटे थे। जांच में छह आरोपी गिरफ्तार किए गए, जिनसे एक करोड़ रुपये, दो लग्जरी गाड़ियां और मोबाइल फोन जब्त हुए। इनमें नरेश पंडित भी शामिल था। इंस्पेक्टर चमन शर्मा के अनुसार, नरेश को माल बरामदगी के लिए ले जाया जा रहा था, तभी उसने पेट दर्द का बहाना बनाकर भागने की कोशिश की और मुठभेड़ के दौरान मारा गया।

पुलिस का दावा है कि मुठभेड़ में एएसपी अनुज चौधरी की बुलेटप्रूफ जैकेट पर गोली लगी और रामगढ़ थाने के SHO घायल हुए। वहीं शिकायतकर्ता का कहना है कि हथकड़ी लगे आरोपी द्वारा पुलिस पर गोली चलाना संदिग्ध है। उन्होंने हथियारों और पुलिस जैकेट की फॉरेंसिक जांच तथा संबंधित अधिकारियों के पुराने एनकाउंटर रिकॉर्ड की समीक्षा की मांग की है। यह मामला अब पुलिस कार्रवाई की विश्वसनीयता और मानवाधिकार जवाबदेही की बड़ी परीक्षा बन गया है।

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