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सिंदूर खेला की परंपरा के साथ मां दुर्गा की विदाई

Byadmin

Oct 4, 2025

 

नवरात्रि के नाै दिन तक पूजा-अर्चना के बाद आज दसवें दिन विजयादशमी मनाया जा रहा है…मौके पर सिंदूर खेला की रस्मअदायगी धूमधाम से हुआ…साथ ही आज दुर्गोत्सव भी संपन्न हो गया।

हिन्दू धर्म में मां दुर्गा को सिंदूर लगाने का बड़ा महत्व‍ है, सिंदूर को मां दुर्गा का प्रतीक माना जाता है

आज विजयदशमी वाले दिन सुहागिन महिलाएं लाल और सादा रंग की साड़ी पहनती है…

सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार नवपत्रिका विसर्जन के दौरान शादीशुदा महिलाएं मां दुर्गा को सिंदूर लगाती हैं फिर एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं।

सिन्दूर लगाने की इसी प्रथा को सिन्दूर खेला कहते हैं, सुहागिन महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर खेलकर पति के लम्बे उम्र और उनकी खुशहाली की कामना करती हैं।

इसके बाद नाचते झूमते मां दुर्गा को विसर्जन के लिए ले जाते हैं और अगले साल फिर से आने की प्रार्थना करते हैं…

गोसाइडीह बैंक कॉलोनी मंदिर परिसर मे बरीय नागरिकों की अगुवाई में दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है यहां कंधा से विसर्जन की परंपरा है पुरुष और महिलाएं बढ़-चढ़कर विसर्जन 10 दिवसीय आयोजन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं मां दुर्गा देवी की विदाई में महिलाएं तालाब तक जाती हैं सभी बड़े छोटे एक दूसरे से मिलते हैं और आशीर्वाद लेते हैं इसके साथ नित्य करते हुए नगाड़े के साथ विसर्जन के लिए जाते हैं और अगले साल फिर आने की मां से प्रार्थना करते हैं जय दुर्गे


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