

धनबाद, झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति ने हीरापुर के जे.सी. मलिक में एक सभा का आयोजन किया, जहाँ महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद खुदीराम बोस को उनकी पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यह कार्यक्रम जिला अध्यक्ष श्री सुजीत रंजन की अध्यक्षता में श्री अशोक कुमार पाल के आवास पर संपन्न हुआ।
खुदीराम बोस को 11 अगस्त 1908 को बिहार की मुजफ्फरपुर जेल में फाँसी दी गई थी। इस अवसर पर समिति के सदस्यों ने उनके साहस और बलिदान को याद किया। 18 वर्ष की अल्पायु में, बोस देश की आजादी के लिए शहीद होने वाले पहले और सबसे कम उम्र के बांग्ला भाषी थे, जिन्होंने हंसते-हंसते देश के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। उन्होंने अंग्रेजों पर हमला करने का दुस्साहस किया था, जिसके लिए उन्हें यह सजा दी गई थी।

कार्यक्रम के दौरान, संगठन के संस्थापक श्री बेंगू ठाकुर ने एक संदेश के माध्यम से शहीद को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि खुदीराम बोस का बलिदान युवाओं को देश सेवा के लिए हमेशा प्रेरित करता रहेगा।

इस श्रद्धांजलि सभा में जिला अध्यक्ष श्री सुजीत रंजन के साथ-साथ गोविंदो ठाकुर, शिबू चक्रवर्ती, अशोक कुमार पाल, समीर सरकार, सलेंद्र नाथ दत्ता, जामिनी पाल, तरुण गोस्वामी और अन्य कई सदस्य उपस्थित थे। सभी ने मिलकर खुदीराम बोस के अमूल्य योगदान को याद किया और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। समिति ने कहा कि ऐसे महान शहीदों को याद करना और उनकी कहानियों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है।
खुदीराम बोस का जीवन हमें सिखाता है कि देश प्रेम और समर्पण से बढ़कर कुछ भी नहीं है। उनका बलिदान आज भी हमें राष्ट्र की सेवा करने और उसके गौरव को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है।
There is no ads to display, Please add some





Post Disclaimer
स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com