

सरायकेला : जिला चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के गांव सुकसारी टोला तिरूलडीह के कालीपद कुम्हार की घरों की क्षतिग्रस्त किया रखे अनाज को खाए ,पीड़ित परिवार भागकर अपने जान बचाया ।दो परिवार के घरों को तोड़ा।
रसूनिया पंचायत के विभिन्न गांव में प्रतिदिन गजों ने घरों को बना रहा ट्रागगेट । तिरुलडीह गांव में गजों की आतंक खाए अनाज तोड़े मकान , भयाभय की माहौल ,शाम ढलते ही जंगली गजों की झुंड भोजन की तलाश में भटकते हुए ,गांव में पहुंच जाते हे और घरों को टारग्रेट करते हे।घरों को तोड़ कर रखे अनाज को अपना निवाला बनाते हे । गरीब कुम्हार परिवार आपने को घरों टूटने आवाज सुनकर भागकर परिवार की जाना बचा लिया । यह घटना आज सुबह 2 बज कर 30 मिनट के आसपास बताया जा रहा हे ।गजों की झुंड द्वारा घरों की क्षतिग्रस्त की सूचना स्थानीय विधायक ओर चांडिल वन क्षेत्र के पदाधिकारी देने के बाज़बूद अबतक कोई नहीं पहुंचा ।गरीब के पास ,जिसे आप नागरिक ओर ग्रामीण ईचागढ़ विधान के साथ वन विभाग के प्रति नाराजगी जताई।

कहा से पहुंचते हे जंगली हाथियों की झुंड यह झुंड चांडिल जलाशय के आसपास के जंगलों में डेरा डाला हुआ हे।दी भर हाथी जलाशय में जलक्रीड़ा करते देखा जाता । ओर शाम ढलते ही भोजन की तलाश में जंगल से उतर कर गांव में पहुंच जाते ओर उपद्रव मचाने लगते ओर मिट्टी की घरों ओ ज्यादा निशाना बनाते हे। पक्की मकान को भी नहीं छोड़ते ।

चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के एक मात्र दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी है जहां गज परियोजना के नाम से जाना जाता ,भोजन ओर पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक भोजन नहीं मिलने के कारण आज हाथियों की झुंड ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में विभिन्न स्थानों छोटे बड़े जंगलों में डेरा डाला हुआ हे।एक तरफ वन एवं पर्यावरण विभाग को केंद्र सरकार ओर राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपया मुहैया कराया जाता।इस उद्देश में की जंगल ओर वन्य प्राणी को संरक्षण प्राप्त हो ।परंतु आज उक्त सेंचुरी से वन्य जीव पलायन करने लगा ।जो जांच की विषय है।
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