

नई दिल्ली। जमीनी स्तर से ही विकास योजनाओं में हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत मोदी सरकार का जोर महिलाओं को लेकर खास तौर पर है। इसी उद्देश्य के साथ ग्राम पंचायत विकास योजनाएं बनाने से पहले महिला सभाओं और बाल-बालिका सभाओं को अनिवार्य किया गया है।
अब सरकार चाहती है कि देश के हर जिले में कम से कम एक ग्राम पंचायत महिला हितैषी ग्राम पंचायत के रूप में विकसित हो।

पंचायतीराज मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह लक्ष्य सौंप दिया है और अब उन्हें इस दिशा में किस तरह काम करना है, इसके लिए 4 से 6 नवंबर तक पुणे में एक राष्ट्रीय कार्यशाला होने जा रही है, जिसमें देशभर से पंचायतों के अधिकारी-प्रतिनिधि शामिल होंगे।

*महिला-नेतृत्व विकास पर जोर*
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार महिला-नेतृत्व विकास पर जोर देते हैं। वह चाहते हैं कि विकास योजनाओं और कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी हो, लेकिन ग्रामीण स्तर पर अभी भी यह समस्या महसूस की जा रही है कि महिलाओं को वहां सक्रिय भागीदारी का माहौल पूरी तरह नहीं मिल पा रहा है। महिलाओं के भीतर बैठे इसी संकोच के कारण प्रधान पति या सरपंच पति जैसी कुव्यवस्था अभी तक चल रही है, जिसे समाप्त करने के लिए चिंतन चल रहा है।
*महिला हितैषी पंचायत सतत विकास के चिन्हित नौ लक्ष्यों में भी शामिल*
ऐसे में पंचायतीराज मंत्रालय ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए तय किया है कि महिलाओं को सुरक्षित और अनुकूल वातावरण देने के लिए सबसे पहले देश के हर जिले में कम से कम एक ग्राम पंचायत को महिला हितैषी बनाकर उसे उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाए। महिला हितैषी पंचायत सतत विकास के चिन्हित नौ लक्ष्यों में भी शामिल है।
मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह लक्ष्य सौंप दिया गया है। महिला हितैषी ग्राम पंचायत कैसे बनेगी, इसका प्रशिक्षण देने के लिए राज्यों से कहा है कि राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज संस्थानों, राज्य पंचायत संसाधन केंद्रों और पंचायतीराज प्रशिक्षण संस्थानों से संकाय सदस्यों या अन्य प्रतिनिधियों को नामांकित करें।
*महिला सशक्तीकरण को बढ़ाए जाने का लक्ष्य*
इन सभी को पुणे स्थित यशवंतराव चव्हाण एकेडमी आफ डेवलपमेंट एडमिनिस्ट्रेशन में 4 से 6 नवंबर तक प्रशिक्षित कर मास्टर ट्रेनर बनाया जाएगा। यह मास्टर ट्रेनर पंचायतों के अन्य प्रतिनिधियों को भी प्रशिक्षित करेंगे और माडल वूमन फ्रेंडली ग्राम पंचायत का नेतृत्व करेंगे। इन पंचायतों के आदर्श रूप में विकसित हो जाने के बाद उनकी कार्यपद्धतियों को अन्य पंचायतों में भी लागू कर महिला सशक्तीकरण को बढ़ाए जाने का लक्ष्य है।
*ऐसी होगी आदर्श महिला हितैषी ग्राम पंचायत*
-सभी बालिकाएं स्कूल-कालेज जाती हों।
-महिलाओं और युवतियों को रोजगार व जीवन के लिए उपयोगी कौशल से लैस किया जाएगा।
-महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी संपूर्ण जानकारी मिले और स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा लाभ मिले।
-अधिक से अधिक महिलाओं-बालिकाओं की भागीदारी ग्राम सभाओं में हो।
-महिलाओं के अधिकारों के प्रति सामाजिक जागरुकता बेहतर ढंग से हो।
-ग्राम पंचायत पदाधिकारी और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को लिंग संबंधी कानूनों की पूरी जानकारी हो।
-पंचायत समिति लिंग आधारित हिंसा सहित बाल विवाह और लैंगिंग भेदभाव रोकने के लिए सख्ती और सक्रियता से काम करें।
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