• Thu. Sep 25th, 2025

हरियाणा में मुसलमानों के सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार के आह्वान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

ByAdmin Office

Aug 9, 2023

 

नई दिल्ली: हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक हिंसा के बाद मुसलमानों के सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार का आह्वान करने वाले समूहों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया. पीठ अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जो दोपहर के भोजन के अवकाश पर जाने वाली थी.सिब्बल ने पीठ के समक्ष दलील दी कि एक मामला है जिस पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है. उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में कुछ गंभीर हुआ है, जहां आह्वान किया गया है कि यदि आप इन लोगों को दुकानों में काम पर रखेंगे, तो आप सभी गद्दार होंगे. सिब्बल ने कहा कि इस मामले के संबंध में एक याचिका दायर की गई है और अदालत इसकी जांच कर सकती है. यह अर्जी नफरत फैलाने वाले भाषण से जुड़े एक लंबित मामले में दायर की गई है.

बीते 4 अगस्त, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नफरत फैलाने वाले भाषण की परिभाषा जटिल है और इस बात पर जोर दिया कि हालांकि शीर्ष अदालत के फैसले हैं, मुख्य समस्या कार्यान्वयन है और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से समाधान पाया जा सकता है. शीर्ष अदालत ने हरियाणा में सांप्रदायिक झड़पों को लेकर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा आयोजित की जाने वाली रैलियों के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने पक्षों से पूछा कि क्या कार्यक्रम शांतिपूर्ण थे. याचिकाकर्ता शाहीन अब्दुल्ला का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने कहा कि किसी हिंसा की सूचना नहीं है, हालांकि रैलियों में कुछ नफरत भरे भाषण दिए गए. पीठ ने सिंह से कहा कि नफरत फैलाने वाले भाषण की परिभाषा काफी जटिल है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह मुक्त भाषण के क्षेत्र में न जाए.

पीठ ने सभी पक्षों से समाधान खोजने के लिए एक साथ बैठने और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से घृणास्पद भाषण का समाधान खोजने की संभावना तलाशने को कहा. पिछले साल अक्टूबर में, शीर्ष अदालत ने देश में नफरत फैलाने वाले भाषणों पर चिंता व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड को धर्म को देखे बिना अपराधियों के खिलाफ स्वत: कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.


There is no ads to display, Please add some
Post Disclaimer

स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *