

हजारीबाग-झारखंड झाड़ियों और जंगलों का प्रदेश है पूर्व में सेंचुरी एरिया से 200 मीटर की दूरी पर खनन एवं पत्थर उद्योग चलाने का कानुन था जिसे 2018 में केंद्र सरकार द्वारा तुगलकी फरमान द्वारा बढ़ाकर 5 किलोमीटर कर दिया गया एवं ननसेंचुरी एरिया में जंगल से 2 किलोमीटर की दूरी निर्धारित कर दी गई जिसके कारण झारखंड में हजारों उद्योग पत्थर व्यवसाय को इस काला कानून के कारण ध्वस्त करते हुए बंद कर। इस कानून से सेंचुरी एरिया में डीप बोरिंग ऊंची इमारत कल कारखाने आरा मिल पेट्रोल पंप इत्यादि अनेकों संस्थान पर प्रतिबंध हो जाएगा।
इस काला विल के कारण अनेकों व्यवसायियों का अरबों रुपए का बैंकों से कर्ज लिया हुआ है बिजली का कनेक्शन सरकार दे चुकी थी कर्ज़ चुकाने का मौका नहीं दिया गया है मुआवजा नहीं देते हुए ध्वस्त करना तुगलकी फरमान है आज पत्थर की कीमत 5 गुना बढ़ चुका है जिसका असर गरीब मध्यम वर्ग के ऊपर पडा है यह बातें कांग्रेस के पीसीसी डेल्ली गेट एवं महागठबंधन के पूर्व विधायक प्रत्याशी डॉ आरसी मेहता ने सिझुवा स्कूल के प्रांगण में इको जोन संघर्ष समिति के मंच पर कहा। डॉ मेहता ने कहा आंदोलन ही एक ऐसा रास्ता है जिससे इस तानाशाही बिल को निरस्त कराया जाएगा।

क्योंकि आंदोलन के द्वारा कृषि काला बिल निरस्त किया गया । देश को चिढ़ाने वाला 370 और 35 धारा को हटाया गया है इस बिल को सत्याग्रह आंदोलन से सरकार को बिल वापस लेना होगा।
रणनीति के तहत आंदोलन को धारदार बनाया जाएगा।
काला बिल समाप्ति तक लोकसभा और विधानसभा में वोट का बहिष्कार किया जाएगा, धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा जिसमें जिले के 1 पंचायत को 1 दिन की जिमेवारी दी जाएगी जिसमें जन नेता प्रत्येक दिन समर्थन में धरना स्थल पर जाएंगे इस तरह से आंदोलन को इको सेंसेटिव जोन बिल निरस्त होने तक जारी सत्याग्रह तरीके गूंगी बहरी सरकार को निरस्त करने के लिए मजबूर किया जाएगा।
सभा में मुख्य अतिथि बीपी मेहता समेत सभी दल के पक्ष विपक्ष के नेता, चार प्रखंड के पूर्व एवं वर्तमान जिला परिषद मुखिया सभी पत्रकार बंधु एवं हजारों की संख्या में समाजसेवी उपस्थित रहे।

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