

उमेश कुमार गिरि :
एक दिन पहले ही लौटे थे अस्पताल से
झारखंड के पूर्व मंत्री सह बोकारो के पूर्व विधायक 81 वर्ष समरेश सिंह गुरुवार बोकारो स्थित आवास में निर्धन हो गया सुबह करीब 7:00 उन्होंने अंतिम सांस ली उन्हे एक दिन पहले ही मेदांता अस्पताल से बोकारो स्थित उनके आवास लाया गया था

झारखंड के राजनीति के दिग्गज सह झारखंड सरकार में मंत्री रहे समरेश सिंह बोकारो के पूर्व विधायक समरेश सिंह भाजपा के स्थापक सदस्य रहे पहली बार 1977 में निर्दलीय सदस्य के रूप में बाघमारा विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की थी इसके बाद मुंबई में 1980 आयोजित भाजपा के प्रथम अधिवेशन में कमल निशान का चिन्ह रखने का सुझाव इन्हीं का था जिसे केंद्रीय नेताओं ने मंजूरी दी थी दरअसल समरेश सिंह 1977 का चुनाव कमल चीन पर ही जीत मिली थी बाद में समरेश सिंह भाजपा से 1985 से 1990 तक विधायक निर्वाचित हुए इससे पहले 1985 मे समरेश सिंह ने इंदर सिंह नामधारी के साथ मिलकर भाजपा में विद्रोह कर 13 विधायको संपूर्ण क्रांति दल का गठन किया था लेकिन इसके कुछ ही दिन के बाद संपूर्ण क्रांति दल का बिलय भाजपा में कर दिया गया
वर्ष 1995 मे समरेश सिंह भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा और वे हार गए झारखंड अलग राज्य बनने पर 2000 का चुनाव झारखंड वनांचल कांग्रेस के टिकट पर लड़ा झारखंड बनने के बाद प्रथम विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री नियुक्त किए गए

इधर उनके निधन की खबर सुनकर सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं उनके समर्थक उनकी आवास पहुंचने लगे लोगों में गहरा शोक है
समर्थक प्यार से उन्हें दादा बोलते थे समरेश सिंह के दोनों बेटे सिद्धार्थ सिंह , संग्राम सिंह तथा पुत्र वधू श्वेता सिंह , परिंदा सिंह को स्वजन ढाढस बंधा रहे हैं
बोकारो जिला के ही
चंदनक्यारी प्रखंड लालपुर पंचायत स्थित देवलटाडं गांव समरेश सिंह का पैतृक आवास है
संभावनाएं जताई जा रही है अंतिम संस्कार की प्रक्रिया वही पूरी होगी
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