

बिहार के कई जिले इस समय मॉनसून के बेरूखी की मार झेल रहे हैं। किसानों अभी तक वर्षा के इंतजार में हैं । वे धान का बिचङा तक नहीं बुन पाये हैं। लेकिन अब उनका भी धैर्य जवाब देने लगा है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के नालंदा, औरंगाबाद, बांका, मधेपुरा समेत 12 जिलों में सबसे ज्यादा सूखे का खतरा मडरा रहा हैं। अब यहाँ के किसान सूखा घोषित करने की मांग कर रहे हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के सिर्फ दो जिलों के अलावा सभी के सभी जिलों में इस साल औसत से कम बारिश हुई है। खेत में दरारें देखी जा रही हैं। सभी छोटी नदियां और नहरे सूखी पड़ी हैं। इससे इन जिलों के किसान धान की रोपनी नहीं कर पा रहे हैं।

आपको बता दें की इन जिलों के किसानों और लोगों ने सरकार से सूखा घोषित की मांग करने लगे हैं। सूखे का सबसे ज्यादा असर दक्षिण बिहार के जिला नालंदा, गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, रोहतास समेत अन्य जिलों में देखने को मिल रहा है।

वहीं बांका, भभुआ, शेखपुरा, शिवहर, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा जिले का भी हाल ठीक नहीं हैं। किसान बताते हैं की इस साल कम बारिश होने के कारण धान की रोपनी नहीं हो पाई हैं। कुछ लोगों ने ही डीजल की सहायता से धान की रोपनी की हैं।
आपको बता दें कि पिछली बार मॉनसून ठीक रहा था। लोगों को उम्मीद थी कि इस बार और बेहतर मॉनसून रहेगा। लेकिन वैसा नहीं हुआ। हालांकि बिहार सरकार ने किसानों के हित के लिए कुछ फैसले लिये हैं जिसके मुताबिक उन्हें कृषि कार्य के लिए 5 एकड़ तक अधिकतम डीजल तेल का अनुदान मिलेगा।
वहीं इन बारह जिलों में सुखे की स्थिति बनी हुई है- जहानाबाद, औरंगाबाद, नबीनगर ,रोहतास, बांका, भभुआ, शेखपुरा, शिवहर, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, नालंदा और गया।
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