

कोयलांचल का यह दुर्भाग्य है कि यहां के लिए योजनाएं तो लंबी -चौड़ी बनती है लेकिन क्रियान्वयन के समय सब कुछ गदालखाते में फेंक दिया जाता है. ऐसा कोई पहली बार नहीं हो रहा है, पहले भी होता था और लगता है कि आगे भी होता रहेगा.
धनबाद: कोयलांचल का यह दुर्भाग्य है कि यहां के लिए योजनाएं तो लंबी -चौड़ी बनती है लेकिन क्रियान्वयन के समय सब कुछ गदालखाते में फेंक दिया जाता है. ऐसा कोई पहली बार नहीं हो रहा है, पहले भी होता था और लगता है कि आगे भी होता रहेगा. गया पुल चौड़ीकरण का टेंडर अधिकृत जानकारी के अनुसार फाइनल स्टेज में तो है, जल्दी इसका आवंटन हो जाने की संभावना व्यक्त की गई है. फिर भी डाउट बना हुआ है. मटकुरिया फ्लाईओवर के लिए कोई भी ठेकेदार टेक्निकली क्वालीफाई नहीं किया है, जिस कारण फिर से टेंडर हो रहा है. बैंकमोड़ ओवर ब्रिज मरम्मत के लिए सिंगल पार्टी ने टेंडर डाला था, जिस वजह से फिर से टेंडर हो रहा है. इस बात का खुलासा झारखंड के अभियंता प्रमुख ने किया है.

मांग -धनबाद को तो राहत दीजिये हुजूर

शुक्रवार को धनबाद जिला कांग्रेस व्यापार उद्योग प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष सह धनबाद जिला कांग्रेस के महासचिव प्रभात सुरोलिया प्रोजेक्ट भवन, रांची में पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख से मिले और उन्हें धनबाद की समस्याओं के बारे में ज्ञापन दिया. ज्ञापन में कहा गया कि गया ब्रिज चौड़ीकरण में विलंब हो रहा है, मटकुरिया विनोद बिहारी चौक फ्लाईओवर का बार-बार टेंडर निकाला जा रहा है, बैंक मोड़ फ्लाईओवर रिपेयरिंग का टेंडर भी लंबित है. उपरोक्त कारणों से धनबाद की परेशानियां बढ़ रही है. लोग ट्रैफिक जाम से परेशान है. प्रभात सुरोलिया ने कहा कि अगर जल्द से जल्द सभी योजनाएं धरातल पर आ जाए, तो धनबाद के लोगों को बहुत राहत मिल सकती है.
परेशानी स्वीकारते है अभियंता प्रमुख
अभियंता प्रमुख ने कहा कि हम धनबाद के लोगो की परेशानी समझ रहे हैं, पर बहुत सारे नियम, कायदे- कानून से विभाग बंधा है ,जिस वजह से काम में विलंब हो जाता है. पहले तो कोई टेंडर ही नहीं डालता, अगर कोई टेंडर डालता भी है तो ठेकेदार के पास जरूरी कागजात नहीं होते, जिस वजह से बार-बार टेंडर करना पड़ता है. यहाँ सवाल उठता है कि क्या झारखंड में ठेकेदारों का आकाल हो गया है या लगातार रंगदारी की घटनाओं के कारण कोई ठेकेदार धनबाद में काम करना नहीं चाह रहा. यह बात भी सच है कि धनबाद को लेकर एक दूसरी छवि बन गई है, जिस वजह से बहुत सारे संवेदक रुचि नहीं लेते. जो लेते हैं, उन्हें परेशानी भी झेलनी पड़ती है. अभी तोप चाची में माओवादियों ने रोड का काम कर रहे ठेकेदार की जेसीबी मशीन फूंक डाली थी.
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