

वैसे तो अपने शिव मंदिर कई जगह देखे होंगे, लेकिन आज हम आपको झारखंड के गुप्त काशी के बारे में बताने वाले हैं. यहां पर घर से निकलते ही आपको 10 से 12 शिव मंदिर दिख जाएंगे. यहां हर मोहल्ले में शिव मंदिर हैं.
इसे स्थानीय लोग झारखंड का गुप्तकाशी भी कहते हैं. यही नहीं, इसकी खासियत ऐसी कि यहां विदेशी भी खिंचे चले आते हैं.

स्थानीय निवासी और बुजुर्ग सुदेश्वर बताते हैं कि यहां पर मुश्किल से 100 से 110 घर होंगे. लेकिन, शिव मंदिर 72 हैं. इसके अलावा यहां पर अन्य देवी-देवताओं के भी मंदिर हैं. लेकिन सबसे अधिक शिव मंदिर हैं. इसलिए लोग इसे गुप्त काशी भी कहते हैं. मंदिर की वास्तुकला भी देखने में अद्भुत है.

मंदिरों की बाहरी दीवार में टेराकोटा का इस्तेमाल कर डिजाइन बनाया गया है. यह अलग-अलग डिजाइन है. यहां राम से लेकर कृष्ण भगवान व रामायण से लेकर महाभारत काल तक के दृश्य को टेराकोटा के माध्यम से उकेरा गया है.
इतने मंदिर के समूह और इस कला को देखते लोग दूर-दूर से आते हैं. यहां पर विदेशी पर्यटक भी आते हैं. उन्होंने आगे बताया कि यहां पर एक ही मोहल्ले में आपको 10-10 शिव मंदिर देखने को मिल जाएंगे.
आप घर से निकलेंगे तो लाइन से पांच मंदिर दिख जाएंगे और हर मंदिर में पूजा भी होती है. यह सारे मंदिर 300 साल पुराने हैं. दरअसल, यहां के राजा राय सिंह काफी धार्मिक प्रवृत्ति के थे. उन्होंने महल के बजाय मंदिरों का निर्माण कराया.
There is no ads to display, Please add some





Post Disclaimer
स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com