

सागर। जम्मूकश्मीर में आतंकियों के साथ गोलीबारी में घायल हुए बंडा के ग्राम क्वायला गांव के सैनिक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उनके बलिदान होने की सूचना मिलते ही सागर के बंडा ब्लाक के ग्राम क्वायला में मातम छा गया।सागर जिले के क्वायला गाँव के वीर सपूत श्री राजेश यादव जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए हैं।
मां भारती की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देकर आप अमर हो गए। आपकी देशभक्ति पर हम सभी को गर्व है।

पैतृक गांव लाई गई पार्थिव देेह
शुक्रवार सुबह करीब ग्यारह बजे सागर के महार रेजीमेंट अस्पताल से उनका साल बांदा के कोयला के लिए रवाना हुआ। 3 दिन पूर्व परिवार के लोग घटना की सूचना मिलते ही दिल्ली रवाना हो गए थे। बलिदानी राजेश यादव का पार्थिव शरीर दिल्ली से सम्मान के साथ भोपाल और भोपाल से सागर जिले में उनके पैतृक गांव क्वायला लाया गया।

खुली भर्ती में हुआ था चयन
राजेश यादव के भाई महेश ने बताया कि राजेश यादव का वर्ष 2014 में सागर में आयोजित खुली भर्ती में भारतीय सेना में चयन हुआ था। जिसके बाद उनकी अलग-अलग स्थानों पर पोस्टिंग रही। इस समय वह लेह में पदस्थ थे। जहां वह बुरी तरह से घायल हो गए थे उनका इलाज दिल्ली में चल रहा था। इलाज के दौरान राजेश यादव ने 27 दिसंबर को अंतिम सांस ली। राजेश क्वायला निवासी किस्सू पिता काशीराम यादव के पुत्र थे। दो भाई दो बहनों में राजेश सबसे बड़े थे। उनका विवाह शाहगढ़ क्षेत्र के ग्राम गोमदपुर में हुआ था। राजेश का एक पुत्र और एक पुत्री है।
गर्व से नम हुई आंखें
सुबह करीब 11:00 बजे भोपाल से सुना मुख्यालय में बलिदानी का पार्थिव शरीर लाया गया जहां से सेवा के ट्रक में सम्मान के साथ बलिदान की देह को 15 स्थित उनके पैतृक गांव रवाना किया गया इस दौरान सैकड़ो की संख्या में गांव और समाज के लोगसाथ चल रहे थे। देशभक्ति के तरानों के साथ भारत माता की जय और राजेश यादव अमर रहे के उद्घोष को सुन हर किसी की आखें गर्व के साथ नम हो गईं। बलिदानी राजेश यादव के पिता किस्सू यादव ने सरकार से राजेश यादव की पत्नी को शासकीय नौकरी और आर्थिक सहायता की मांग की।ग्राम पंचायत द्वारा बलिदानी के अंतिम संस्कार की तैयारी सुबह से ही कर ली गई थी सैनिक सम्मान के साथ सेवा के जवानों ने राजेश यादव को गार्ड आफ आनर दिया और उनकी अंत्येष्टि की गई। अंत्येष्टि कार्यक्रम में जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी मौजूद रहे।
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