

एकादशी तिथि 23 जुलाई 23, 2022 को सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर प्रांरभ हो जाएगी और 24 जुलाई को दोपहर में 1 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी।*
व्रत के पारण का समय 25 जुलाई को सुबह 5 बजकर 38 मिनट से सुबह 08 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।

शास्त्रों में कामिका एकादशी को पापनाशिनी माना गया है, इस एकादशी के महात्म्य की व्याख्या स्वयं श्रीकृष्ण ने की थी। आज हम इस पुण्यदायनी एकादशी के बारे में विस्तार से बताएंगे।

सावन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन कामिका एकादशी व्रत रखा जाता है। कामिका एकादशी को पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पर भगवान विष्णु का पूजन करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। इस व्रत के प्रभाव से सभी कष्ट दूर हो जातें हैं और व्यक्ति पापों से भी मुक्त हो जाता है।
मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत के प्रभाव से पितरों को भी शांति मिलती है और उन्हें भी कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस भगवान विष्णु की पूजा अर्चना और उपवास करने से उनकी कृपा दृष्टि अपने भक्तों पर बनी रहती है।
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