

*आज़ २६ जून रविवार, रवि प्रदोष व्रत है ।*
*भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत पुण्य कमाने के द्वार खोल देता है, इसमें महादेव के सभी भक्तों की असीम आस्था निहित है। प्रदोष व्रत प्रत्येक महीने में दो बार आता है, यानी कि शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में। हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत कहा जाता है।*

*पंचांग के अनुसार, आषाढ़ के माह में कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 26 जून को रखा जाएगा। जिसका आरंभ 25 जून 2022 शनिवार के दिन देर रात 01 बजकर 10 मिनट से आरंभ होगा। वहीं इसका समापन 26 जून 2022 रविवार के दिन देर रात 03 बजकर 26 मिनट पर होगा।*

*शब्दों में शिव जी की कृपा की व्यख्या करना संभव नहीं है। यह कृपा जिसपर भी होती है, उसे जीवन का सार समझ आ जाता है। ईश्वर का आशीर्वाद पाकर, कोई भी व्यक्ति सभी दुखों से उपर उठकर विषम परिस्थितियों में भी सुख को ढूंढ लेता है।*
*सच्चे मन से भगवान शिव में आस्था रखने वाले लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत सभी शिव भक्तों से लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन वे लोग महादेव के प्रति अपने समर्पण को व्यक्त करने के लिए व्रत व पूजा पाठ करते हैं।*
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