

*आज़ गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत है।*
श्रावण माह की गजानन संकष्टी चतुर्थी 16 जुलाई को मनाई जाएगी। यह तिथि 16 जुलाई को दोपहर में 1 बजकर 27 मिनट पर प्रारंभ होगी और 17 जुलाई को सुबह 10 बजकर 49 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इस दिन उपासक पूरे दिन का व्रत करते हैं और चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत का पारणा करते हैं।*

*संकष्टी चतुर्थी के व्रत को भी संकट हरने वाला व्रत माना गया है, इसलिए भक्तों के बीच इस व्रत का विशेष महत्व है।*

*भगवान गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए भी संकष्टी चतुर्थी के दिन को शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन विघ्नहर्ता गणेश जी का पूजन करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां और बाधाएं दूर हो जाती हैं। साथ ही भगवान गणेश की पूजा अर्चना से यश, धन, वैभव और अच्छी सेहत की भी प्राप्ति होती है।*
*आपको बता दें हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह में दो चतुर्थी तिथि आती हैं। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। हर माह में आने वाली चतुर्थी का अपना अलग महत्व होता है।*
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