

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय में पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गई है.
बता दें, प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ आज से रोजाना सुनवाई करेगी. पीठ में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं.पीठ ने 11 जुलाई को विभिन्न पक्षों द्वारा लिखित दलीलें और मामले की विवरणिका (कन्वीनिएंस कम्पाइलेशन) दाखिल करने के लिए 27 जुलाई की समय सीमा तय की थी. पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि सुनवाई सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर दैनिक आधार पर होगी.

सोमवार और शुक्रवार शीर्ष अदालत में विविध मामलों की सुनवाई के दिन हैं. इन दिनों में केवल नई याचिकाओं पर ही सुनवाई की जाती है और नियमित मामलों की सुनवाई नहीं की जाती है.

न्यायालय ने विवरणिका तैयार करने और इसे 27 जुलाई से पहले दाखिल करने के लिए याचिकाकर्ताओं और सरकार की तरफ से एक-एक वकील को नियुक्त किया था और यह स्पष्ट कर दिया कि उक्त तिथि के बाद कोई भी दस्तावेज स्वीकार नहीं किया जाएगा. एक विवरणिका अदालत को पूरे मामले का सार-संक्षेप देती है ताकि तथ्यों को शीघ्रता से समझने में सहायता मिल सके. पीठ ने कहा था कि पांच अगस्त 2019 की अधिसूचना के बाद पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर की स्थिति के संबंध में केंद्र की ओर से सोमवार को दाखिल हलफनामे का पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा संवैधानिक मुद्दे पर की जा रही सुनवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
इस याचिका पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली में कहा,’हमें न्याय मिलने की उम्मीद है. हम यहां जम्मू-कश्मीर के लोगों की ओर से इस उम्मीद के साथ आए हैं कि हम यह साबित कर सकते हैं कि 5 अगस्त, 2019 को जो हुआ वह असंवैधानिक और अवैध था.
There is no ads to display, Please add some





Post Disclaimer
स्पष्टीकरण : यह अंतर्कथा पोर्टल की ऑटोमेटेड न्यूज़ फीड है और इसे अंतर्कथा डॉट कॉम की टीम ने सम्पादित नहीं किया है
Disclaimer :- This is an automated news feed of Antarkatha News Portal. It has not been edited by the Team of Antarkatha.com