

दिल्ली पुलिस ने रविवार को जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों को हिरासत में ले लिया। पुलिस, पहलवान और उनके समर्थकों के बीच काफी हंगामा भी हुआ। पुलिस ने धरनास्थल से टेंट वगैरह भी हटा दिए। पहलवानों ने नए संसद परिसर में महिला महापंचायत करने का ऐलान किया था। लेकिन, पहले ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया। पहलवानों पर दंगा करने और सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। शाम सात बजे के आसपास कुछ पहलवानों को छोड़ दिया गया। विनेश फोगाट, संगीता फोगाट और साक्षी मलिक को रिलीज कर दिया गया है। बजरंग पूनिया को भी देर रात रिहा कर दिया गया।
*पहलवानों को हिरासत में लिए जाने पर विपक्ष हुआ हमलावर*

पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के बाद तमाम विपक्षी दलों ने इसकी आलोचना की।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने आरोप बलगाया कि सरकार महिला खिलाड़ियों की आवाज को निर्ममता से रौंद रही है। CM अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश का मान बढ़ाने वाले हमारे खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव बेहद गलत और निंदनीय है।
वहीं, पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने कहा कि निरंकुश ताकतें असंतोष दबाने पर पनपती हैं।
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