

नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले माह अप्रैल में जीएसटी संग्रह अपने सारे रिकॉर्ड को तोड़ते हुए दो लाख करोड़ के पार पहुंच गया। अप्रैल में जीएसटी संग्रह 2.10 लाख करोड़ रहा जो पिछले साल अप्रैल के मुकाबले 12.4 प्रतिशत अधिक है। इस साल अप्रैल से पहले जीएसटी का सबसे अधिक संग्रह 1.87 लाख करोड़ पिछले साल अप्रैल में हुआ था।
वर्ष 2017 के जुलाई माह से जीएसटी प्रणाली लागू है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अप्रैल में घरेलू और आयात दोनों ही स्तर के ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी से जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड स्तर पर रहा। घरेलू स्तर के ट्रांजेक्शन में पिछले साल अप्रैल के मुकाबले 13.4 प्रतिशत तो आयात से जुड़े ट्रांजेक्शन में 8.3 प्रतिशत का इजाफा रहा। ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था में तेजी को भी दर्शाता है।

आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में जीएसटी के कुल संग्रह में सीजीएसटी की हिस्सेदारी 43,846 करोड़, एसजीएसटी की 53,538 करोड़ तो आईजीएसटी की 99,623 करोड़ की रही। सेस के मद में 13,260 करोड़ रुपए वसूले गए। आंकड़ों के मुताबिक, जीएसटी संग्रह में महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश व हरियाणा जैसे राज्यों का अधिक योगदान रहा।
इस साल अप्रैल में सबसे अधिक महाराष्ट्र से 37,671 करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रह किया गया। कर्नाटक से 15,978 करोड़, गुजरात से 13,301 करोड़, तमिलनाडु से 12,210 करोड़, उत्तर प्रदेश से 12,168 करोड़ रुपए तो हरियाणा से 12,168 करोड़ रुपए जीएसट के मद में वसूले गए। बिहार से सिर्फ 1992 करोड़ रुपए की वसूली हुई।

अप्रैल में गाड़ियों की बिक्री में भी रही तेजी
देश के कार बाजार में सबसे अधिक हिस्सेदारी रखने वाली मारुति सुजुकी की कुल बिक्री इस साल अप्रैल में 168,089 यूनिट की रही जबकि पिछले साल अप्रैल में यह बिक्री 160,529 यूनिट की थी। इनमें निर्यात भी शामिल है। घरेलू व निर्यात को मिलाकर हुंडई की बिक्री में 9.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। हुंडई ने इस साल अप्रैल में 63,701 यूनिट की बिक्री की जबकि पिछले साल यह बिक्री 58201 यूनिट थी।
टाटा मोटर्स की कामर्शियल व यात्री दोनों प्रकार के वाहनों की घरेलू बिक्री में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। टाटा मोटर्स ने पिछले साल अप्रैल में घरेलू स्तर पर 68,514 यूनिट की बिक्री की थी जो इस साल अप्रैल में बढ़कर 76,399 यूनिट हो गई।
औद्योगिक मांग के बिजली की खपत बढ़ी
अप्रैल में औद्योगिक मांग एवं गर्मी के बढ़ने से बिजली की खपत में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। पिछले साल अप्रैल में 130.08 अरब यूनिट बिजली की खपत हुई थी जो इस साल अप्रैल में बढ़कर 144.25 अरब यूनिट के स्तर पर पहुंच गई। अप्रैल में बिजली की पीक मांग 224.18 गीगावाट की रही जबकि पिछले साल अप्रैल में पीक मांग 215.88 गीगावाट की थी।
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