

अंतर्कथा प्रतिनिधि
नवादा -: बाल मजदूरी एक ऐसा अभिशाप है जो पूरी कायनात को शर्मसार करता रहा है। अगर नवादा की बात करें तो यहां बालश्रम चरम पर है। प्रशासन की नाक के नीचे बाल श्रम खुलेआम हो रहा है लेकिन ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बालश्रम को लेकर स्थानीय पुलिस की कार्रवाई लचर पचर रही है ऐसे में हंसता खेलता बचपन मजदूरी के दलदल में फंसता ही जा रहा है। यह तस्वीर बताती है की समाहरणालय परिसर में कैसे बच्चो से ईंट ढुलवाई जा रही है। विडम्बना है कि देश की शक्ति का एक अहम हिस्सा जो बच्चों द्वारा निर्मित होता है, बालपन में बाल श्रमिक के रूप में उनकी शक्ति और सामर्थ्य को अनावश्यक रूप से नष्ट कर दिया जा रहा है।
बाल मजदूरी के कारणों पर समाज और सरकार दोनों को चिंतन करने की आवश्यकता है।

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