

आज भारतीय स्टेट बैंक का स्थापना दिवस (Foundation Day of SBI) है। आज ही के दिन यानी 1 जुलाई को 1955 में इंपीरियल बैंक का नाम बदलकर भारतीय स्टेट बैंक रखा गया था। जब कभी भारतीय स्टेट बैंक की बात आती है तो सबसे पहले मन में एक विश्वसनीयता की झलक दिखने लगती है। भारतीय स्टेट बैंक में लोग पूरे भरोसे के साथ पैसा जमा करते हैं। आपको बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक खुद जितना बड़ा है, उतना ही बड़ा इसका इतिहास भी है।
*>> कब हुई इस बैंक की स्थापना <<*

इस बैंक की स्थापना 2 जून 1806 में बैंक ऑफ कोलकाता के नाम से हुई, जो बाद में 2 जनवरी 1809 को बैंक ऑफ बंगाल बन गया। 1921 में बैंक ऑफ मुंबई और बैंक ऑफ मद्रास का बैंक ऑफ बंगाल में विलय हो गया, जिसके बाद इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया बना।

*>> तीन बैंकों के विलय से बना एक बैंक <<*
बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास, तीनों बैंकों में पूंजी निजी क्षेत्र की थी, लेकिन इन्हें ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए खोला गया था। ये तीनों बैंक आधुनिक भारत के प्रमुख बैंक तक बने रहे जब तक कि इनका विलय इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया में नहीं हो गया। पहले तो इसमें निजी शेयर होल्डिंग के तहत यूरोपियन की ज्यादा हिस्सेदारी थी, लेकिन बाद में 1823 में तीनों बैंकों पर सरकार का नियंत्रण हो गया।
*>> यूं हुई बैंक ऑफ इम्पीरियल की स्थापना <<*
27 जनवरी 1921 को बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास एक साथ मिल गए, जिसके बाद इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया बना।
*>> आजाद भारत में फिर बदला स्वरूप <<*
आजाद भारत में 1955 में इम्पीरियल बैंक को भारत के पार्लियामेंट्री एक्ट के तहत अधिग्रहीत किया गया, जिसके बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1955 आया। 30 अप्रैल 1955 को इम्पीरियल बैंक का नाम बदल कर भारतीय स्टेट बैंक या स्टेट बैंक ऑफ इंडिया रख दिया गया। इसके बाद 1 जुलाई को एसबीआई की स्थापना हुई।
*>> फिर बनते गए सहयोगी बैंक… और हुआ विलय <<*
1955 में सब्सिडियरी एक्ट आया, जिसके बाद अक्टूबर में स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद बना। इसके बाद स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर, स्टेट बैंक ऑफ इंदौर, स्टेट बैंक ऑफ जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) जैसे सहयोगी बैंक बने। हालांकि, 1 अप्रैल 2017 को इन सभी सहयोगी बैंकों का भारतीय स्टेट बैंक में विलय हो गया।
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